प्रेम प्रसंग में जिगरी दोस्त बना कातिल! उन्नाव सुधीर हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा!

दोस्ती से दुश्मनी तक का खूनी खेल

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा हुआ है, जहां पुरानी दोस्ती प्रेम प्रसंग के चलते खूनी दुश्मनी में बदल गई। मृतक सुधीर के जिगरी दोस्त संदीप और रंजीत ने मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कहते हैं कि गुनहगार कितना भी शातिर हो, अपराध के निशान छोड़ ही जाता है और इस केस में भी यही साबित हुआ।

सुधीर का गांव की ही एक युवती से गहरा प्रेम संबंध था। इसी दौरान उसके करीबी मित्र संदीप की भी उस लड़की से नजदीकियां बढ़ गईं। प्रेम त्रिकोण बनने से दोनों के बीच करीब छह महीने पहले झगड़ा हुआ था। संदीप गंगा बैराज के पास रहता था और बलियाखेड़ा क्षेत्र में झोलाछाप दवाखाना चलाता था। पुरानी रंजिश ने आखिरकार हत्या की साजिश को जन्म दे दिया।

हत्या के बाद पुलिस का शक सबसे पहले रंजीत पर गया। पूछताछ में कई महत्वपूर्ण कड़ियां जुड़ीं। पता चला कि हत्या के बाद रंजीत जयपुर भागने की फिराक में कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक पहुंच गया था, लेकिन सुधीर की बाइक बरामद होने की सूचना मिलते ही वापस लौट आया। इसके बाद वह सुधीर को ढूंढने का ढोंग रचता रहा ताकि खुद पर शक न जाए।

पुलिस जांच में हत्या की रात का पूरा प्लान सामने आया। उस रात सुधीर, संदीप और रंजीत तीनों अचलगंज में शराब पीने गए थे। लौटते समय रंजीत बदरका में उतर गया। शाम करीब 6 बजे फिर संपर्क हुआ – सुधीर ने संदीप को फोन किया, लेकिन कॉल नहीं उठी। इसके बाद रंजीत के मोबाइल से कॉल की गई, जिसे संदीप ने रिसीव किया। कॉल डिटेल रिकॉर्ड और आरोपियों के बयानों के मिलान से पूरी साजिश की पुष्टि हो गई। शराब की महफिल से शुरू हुई शाम आखिर में कत्ल में बदल गई।

यह मामला दोस्ती के विश्वासघात की खौफनाक मिसाल है। प्रेम प्रसंग ने इंसान को हैवान बना दिया। उन्नाव पुलिस की त्वरित और सटीक जांच सराहनीय है, जिसने अपराधियों को जल्द सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। ऐसे केस समाज को चेतावनी देते हैं कि रिश्तों में ईर्ष्या और रंजिश कितनी खतरनाक हो सकती है।

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