राजा कोलंदर केस में कोर्ट का बड़ा फैसला: दोहरे हत्याकांड में उम्रकैद, खुला नरभक्षण और खौफनाक रहस्य का पर्दाफाश

लखनऊ के बहुचर्चित नाका थाना दोहरे हत्याकांड में शुक्रवार, 23 मई को कोर्ट ने एक ऐतिहासिक और सख्त फैसला सुनाया है। विशेष न्यायाधीश रोहित सिंह की अदालत ने आरोपी राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन और बच्छराज को हत्या, अपहरण और साक्ष्य मिटाने जैसे गंभीर अपराधों में उम्रकैद की सजा सुनाई है।

2020 की दिल दहला देने वाली वारदात

यह मामला साल 2020 में सामने आया था, जब पत्रकार मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव उर्फ गुड्डू का अपहरण कर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पहचान छिपाने के लिए शवों को जंगल में फेंक दिया गया था। जांच के दौरान आरोपी के पास से नर कंकाल और इंसानी खोपड़ियां बरामद हुईं, जिसने पूरे मामले को और भी सनसनीखेज बना दिया।

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‘सामान्य नहीं, समाज को झकझोर देने वाला अपराध’

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह साधारण हत्याकांड नहीं, बल्कि ऐसा अपराध है जो समाज को डर और दहशत में झोंक देता है। उम्रदराज या गरीब होने से अपराध की गंभीरता कम नहीं हो जाती। ऐसे मामलों में कड़ी सजा देकर समाज को सख्त संदेश देना जरूरी है।

नरभक्षण और तंत्र-मंत्र का खौफनाक सच

राजा कोलंदर पर नरभक्षण (कैनिबलिज्म) और इंसानी खोपड़ियां जमा करने जैसे भयानक आरोप थे। बताया जाता है कि वह इन खोपड़ियों का इस्तेमाल तंत्र-मंत्र और भविष्य देखने जैसे कृत्यों में करता था। उस पर 15 से ज्यादा हत्याओं का शक है, हालांकि कुछ ही मामलों में ठोस साक्ष्य कोर्ट में साबित हो सके।

पत्रकार की हत्या से खुला खौफ का पिटारा

मनोज सिंह की हत्या ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था। जांच में सामने आया कि राजा कोलंदर को मनोज की शोहरत और उसकी बहन से दोस्ती नागवार गुज़री। इसी रंजिश में उसने यह साजिश रची। इस केस की जांच के दौरान उसके पुराने और खौफनाक आपराधिक इतिहास का भी खुलासा हुआ।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान सनसनी का माहौल

सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने राजा कोलंदर को “समाज के लिए जिंदा खतरा” करार दिया और अधिकतम सजा की मांग की। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसकी घोषणा अब हो चुकी है।

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