मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक में एक दर्दनाक घटना ने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। यहां बच्चों की खांसी ठीक करने के लिए दिया गया कफ सिरप ही उनकी मौत की वजह बन गया। पिछले 20 दिनों में नौ मासूम बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य बच्चे अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। इन बच्चों ने “कोल्ड्रिफ कफ सिरप” नाम की दवा पी थी, जिसके बाद उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ती चली गई। अधिकांश बच्चों ने नागपुर के निजी अस्पतालों में दम तोड़ा।
स्वास्थय विभाग में मचा हड़कंप
इस हादसे के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। जांच में सामने आया कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में एक जहरीले केमिकल डाईथाइलीन ग्लॉयकाल (Diethylene Glycol) की भारी मात्रा मिली हुई है। शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार ने भी इसकी पुष्टि कर दी। तमिलनाडु सरकार के ड्रग डिपार्टमेंट द्वारा कांचीपुरम स्थित श्रीसन कंपनी की यूनिट की जांच में खुलासा हुआ कि इस सिरप में 48.6% डाईथाइलीन ग्लॉयकाल पाया गया है, जो मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक है। इसी के चलते तमिलनाडु सरकार ने इस सिरप के उत्पादन और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।
मामले पर सरकार ने उठाया कदम
तमिलनाडु सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप का बैच नंबर SR-13 दूषित पाया गया है और यही बैच बच्चों की मौत का कारण माना जा रहा है। इस बैच के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट 24 घंटे में आ गई। रिपोर्ट में जहरीले तत्व की पुष्टि होते ही सरकार ने पूरे राज्य में इस सिरप के निर्माण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया।
MP मुख्यमंत्री ने जताया शोक
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि “छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है।” सीएम ने तत्काल प्रभाव से इस सिरप की बिक्री पर पूरे प्रदेश में बैन लगाने का आदेश दिया है। साथ ही सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि यह सिरप कांचीपुरम की फैक्ट्री में तैयार किया जाता है। घटना की जानकारी मिलते ही मध्य प्रदेश सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए पत्र लिखा था। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद अब राज्य सरकार ने कठोर कार्रवाई शुरू कर दी है।
SIT करेगी गहराई से जांच
सीएम मोहन यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि स्थानीय स्तर पर कार्रवाई पहले से चल रही थी, वहीं राज्य स्तर पर भी एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई गई है जो पूरे मामले की गहराई से पड़ताल करेगी। उन्होंने कहा कि “दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।” यह घटना दवा निर्माण में लापरवाही की एक भयावह मिसाल बन गई है, जिसने पूरे देश को हिला दिया है।