Corona News: देश में फिर बढ़ रहे कोरोना के मरीज, 12 मौतें, 1200 से अधिक सक्रिय मामले, पटना AIIMS में 7 पॉजिटिव

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Corona News: नई दिल्ली। देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है, और अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है। देश में सक्रिय मामलों की संख्या 1200 के पार हो गई है। बिहार के पटना AIIMS में एक महिला डॉक्टर और नर्स समेत 7 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।

बिहार में कोरोना का उछाल, पटना AIIMS में हाई अलर्ट
बिहार में कोविड-19 के मामलों में अचानक तेजी देखी गई है। पटना AIIMS में एक महिला डॉक्टर और नर्स सहित 7 लोगों की कोरोना जांच पॉजिटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सभी प्रभावित मरीजों को आइसोलेशन में रखा गया है, और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। मंगलवार को बिहार में 5 नए मामले सामने आए, जिसके बाद राज्य में सतर्कता और बढ़ा दी गई है।

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केरल और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा प्रभाव
देश में सबसे अधिक सक्रिय मामले केरल में हैं, जहां 430 मरीज दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र 325 सक्रिय मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है, जिसमें से 316 मामले केवल मुंबई से हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र में 66, कर्नाटक में 36, गुजरात में 17, हरियाणा में 3 और बिहार में 5 नए मामले सामने आए। इसके अलावा, उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में भी दो महिलाएं कोरोना पॉजिटिव पाई गईं, जिनमें से एक में हल्के लक्षण हैं, जबकि दूसरी में कोई लक्षण नहीं दिखे।

जयपुर और फिरोजाबाद में भी मौतें
जयपुर में 26 मई को दो मरीजों की कोरोना से मृत्यु दर्ज की गई। एक मरीज रेलवे स्टेशन पर मृत पाया गया, जिसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। दूसरी मौत एक 26 वर्षीय युवक की हुई, जो एक निजी अस्पताल में भर्ती था और पहले से टीबी से पीड़ित था। वहीं, उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में मंगलवार को 78 वर्षीय एक बुजुर्ग की कोरोना से मृत्यु हुई, जो नए वैरिएंट से राज्य में पहली मौत है।

नए वैरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 ने बढ़ाई चिंता
भारत में कोविड-19 के नए वैरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 की मौजूदगी की पुष्टि भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन वैरिएंट्स को “वैरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग” की श्रेणी में रखा है। ये वैरिएंट्स अधिक संक्रामक होने के संकेत दे रहे हैं, हालांकि अभी तक इनसे गंभीरता में वृद्धि की कोई पुष्टि नहीं हुई है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि यदि बुखार, खांसी, थकान या नाक बंद जैसे लक्षण 3-4 दिनों से अधिक समय तक रहें, तो रैपिड एंटीजन टेस्ट या RT-PCR टेस्ट करवाना चाहिए।

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