उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच बीजेपी के अंदर एक बैठक ने हलचल मचा दी है। कुछ ब्राह्मण विधायकों और नेताओं की अलग से हुई मीटिंग पर पार्टी हाईकमान नाराज हो गया। प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि जाति या वर्ग विशेष के नाम पर कोई अलग गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
क्या है पूरा विवाद?
हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान बीजेपी के कुछ जनप्रतिनिधियों ने एक विशेष डिनर का आयोजन किया था। इस मीटिंग में मुख्य रूप से ब्राह्मण समाज से जुड़े मुद्दों पर बातचीत हुई। सूचना मिलते ही पार्टी आलाकमान ने इस पर गंभीरता से संज्ञान लिया।
प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की अलग-अलग बैठकों से समाज में गलत संदेश जाता है और पार्टी के खिलाफ नकारात्मक नैरेटिव बनता है। बीजेपी किसी जाति, परिवार या विशेष वर्ग के नाम पर राजनीति नहीं करती, बल्कि विकास और राष्ट्रवाद की राजनीति पर चलती है।
नेगेटिव पॉलिटिक्स पर सख्त एक्शन की धमकी
पंकज चौधरी ने पार्टी नेताओं को साफ निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसी कोई गतिविधि दोहराई गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी के नेता मर्यादा में रहकर काम करते हैं और नकारात्मक राजनीति से दूर रहना चाहिए। इस तरह की हरकतें पार्टी की एकजुटता को नुकसान पहुंचाती हैं।
विपक्ष पर निशाना, जातिवाद का आरोप
प्रदेश अध्यक्ष ने इस मौके पर विपक्षी दलों को भी घेरा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस जैसी पार्टियां आज भी जातिवाद और परिवारवाद की राजनीति में फंसी हुई हैं। इन दलों का भविष्य अंधकारमय है, जबकि बीजेपी सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर आगे बढ़ रही है।
यह घटना 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की आंतरिक एकता और अनुशासन पर सवाल उठाती है। बीजेपी नेतृत्व अब सभी नेताओं से एकजुट होकर चुनावी तैयारियों में जुटने की अपील कर रहा है।


