बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में Gen-Z वोटर्स यानी 1997 के बाद जन्मे युवा मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं। इस बार हर चौथा वोटर Gen-Z है और कुल वोटरों में 1.75 करोड़ Gen-Z शामिल हैं। इनमें से लगभग 15 लाख युवा पहली बार मतदान करेंगे। बिहार की कुल आबादी में करीब 58 प्रतिशत युवा 25 साल से कम उम्र के हैं, जो चुनावी नतीजों पर बड़ा असर डाल सकते हैं।
कुल कितने प्रतिशत लोग करेंगे वोट?
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के अनुसार, बिहार में कुल 7.41 करोड़ वोटर हैं। इनमें 3 करोड़ 92 लाख पुरुष और 3 करोड़ 49 लाख महिला वोटर शामिल हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 70 हजार युवा वोटर्स हैं, जो चुनावी हवा का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं। इसी कारण सभी राजनीतिक दलों ने युवा मतदाताओं को साधने के लिए यूथ पॉलिसी और योजनाओं की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री नीतीश ने की युवाओं के लिए योजनाओं का ऐलान
NDA महागठबंधन के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार युवाओं के लिए कई योजनाओं का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने 12वीं पास और ग्रेजुएट बेरोजगार युवाओं को दो साल तक प्रति माह 1000 रुपये देने, और एक करोड़ नई नौकरियों देने का वादा किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट और सरकारी योजनाओं ने सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों तक पहुंचाकर युवाओं को आकर्षित किया है। चिराग पासवान भी अपनी “बिहार फर्स्ट” योजना के जरिए युवा मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं।
वहीं RJD और INDIA महागठबंधन की ओर से नेता तेजस्वी यादव युवाओं के बीच सक्रियता दिखा रहे हैं। वे जींस और टी-शर्ट में युवाओं के बीच जाकर सीधे संवाद कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि अगर इंडिया महागठबंधन की सरकार बिहार में बनेगी, तो हर घर को एक सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके साथ ही, युवा मतदाताओं के लिए शिक्षा, रोजगार और स्वरोजगार के कई वादे किए गए हैं।
Gen-Z के वोटर्स नयी दिशा के ओर
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार Gen-Z वोटर्स चुनाव की दिशा तय करने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। हर पार्टी अपने प्रचार और घोषणाओं के जरिए युवा मतदाताओं को साधने की पूरी कोशिश कर रही है। यही वजह है कि चुनावी रणनीति का बड़ा हिस्सा युवाओं की प्राथमिकताओं और उनकी पसंद पर केंद्रित है।


