बिहार में विधानसभा चुनावों का माहौल अब गर्माता जा रहा है। दो चरणों में होने वाले मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन इसी बीच विपक्षी महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। मोहनिया विधानसभा सीट से आरजेडी की प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि श्वेता सुमन उत्तर प्रदेश की निवासी हैं, और इसी वजह से उनका नामांकन स्वीकार नहीं किया गया। निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार, किसी उम्मीदवार को उस राज्य की निर्वाचन सूची में नाम होना जरूरी है, जहां से वह चुनाव लड़ना चाहता है।
महागठबंधन खेमे में नजर आई निराशा
श्वेता सुमन के नामांकन रद्द होने से महागठबंधन खेमे में निराशा का माहौल है। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे कानूनी प्रक्रिया को समझने में गलती कर बैठे। वहीं, आरजेडी ने इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। आपको बता दे, यह पहली बार नहीं है जब विपक्ष को इस तरह का झटका लगा हो। इससे पहले पूर्वी चंपारण जिले की सुगौली सीट पर भी महागठबंधन को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था। यहां आरजेडी के मौजूदा विधायक शशि भूषण सिंह ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था, लेकिन तकनीकी कारणों से उनका नामांकन रद्द कर दिया गया।
विपक्षी गठबंधन की स्थिति में कमजोर
चुनाव आयोग के मुताबिक, वीआईपी एक पंजीकृत क्षेत्रीय पार्टी नहीं है, इसलिए उम्मीदवार को 10 प्रस्तावक देने जरूरी थे। मगर शशि भूषण सिंह ने केवल एक ही प्रस्तावक का नाम दिया था, जिसके कारण उनका नामांकन अमान्य घोषित कर दिया गया।इसके अलावा, राजद के बागी नेता ओम प्रकाश चौधरी का नामांकन भी खारिज हो गया। जांच में पता चला कि उनके नामांकन पत्र के कई पेज खाली छोड़े गए थे, जिसके कारण आयोग ने उन्हें भी चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी। इन घटनाओं ने विपक्षी गठबंधन की स्थिति को कमजोर कर दिया है, जबकि एनडीए खेमे के लिए यह राहत की बात है।इस बीच, पहले चरण के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर और दूसरे चरण के लिए 20 अक्टूबर निर्धारित की गई थी। चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि अब किसी भी तरह का नामांकन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
दो चरणों होगी मतगणना
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए मतदान 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। राज्य की राजधानी पटना में आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा “डबल इंजन सरकार” जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। तेजस्वी ने कहा कि बेरोजगारी, पलायन, भ्रष्टाचार और अपराध ने लोगों को परेशान कर रखा है।
विकास और रोजगार के मुद्दे पर होगा वोट
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि एनडीए सरकार ने उनकी पुरानी घोषणाओं की नकल कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस बार जनता “विकास और रोजगार” के मुद्दे पर वोट देगी।
बिहार की राजनीति में नया मोड़
बिहार की राजनीति में हर दिन नए मोड़ आ रहे हैं। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग और तेज होती जा रही है। अब देखना यह होगा कि नामांकन विवादों और उम्मीदवारों की चुनौतियों के बीच जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है।