Bhojpuri News: भोजपुरी सियासत में बढ़ा तनाव, खेसारी ने कहा ‘नचनिया’, भड़कीं ज्योति सिंह

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Jyoti Singh got angry after Khesari called her a 'dancer'
Jyoti Singh got angry after Khesari called her a 'dancer'

बिहार की सियासत इन दिनों पूरी तरह से फिल्मी रंग में रंगी हुई है। वजह हैं भोजपुरी सिनेमा के दो बड़े सितारे — पवन सिंह और खेसारी लाल यादव। लेकिन इस बार दोनों की चर्चा फिल्मों या गानों को लेकर नहीं, बल्कि चुनावी मैदान और बयानों को लेकर हो रही है। दरअसल, पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं, जबकि खेसारी लाल यादव छपरा से आरजेडी के टिकट पर मैदान में हैं। दोनों की राहें अलग जरूर हैं, लेकिन विवाद ने दोनों को एक ही मंच पर खड़ा कर दिया है।

खेसारी का वीडियो हुआ वायरल

हाल ही में खेसारी लाल यादव का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने पवन सिंह को ‘नचनिया’ कहकर संबोधित किया। यह शब्द सुनते ही सोशल मीडिया पर बवाल मच गया और ज्योति सिंह ने सामने आकर अपने पति का सम्मान बचाने की बात कही। उन्होंने कहा कि हर किसी का अपना पेशा होता है, पवन सिंह एक कलाकार हैं, जो मेहनत से लोगों का मनोरंजन करते हैं। किसी कलाकार को ‘नचनिया’ कहकर नीचा दिखाना न सिर्फ गलत है, बल्कि यह पूरे भोजपुरी फिल्म जगत का अपमान है।

किसी कलाकार को अपमानित करना उचित- ज्योति

ज्योति सिंह ने आगे कहा कि अगर किसी को चुनाव प्रचार के लिए भीड़ चाहिए होती है तो वही कलाकार बुलाए जाते हैं। जो कलाकार लोगों का मनोरंजन करते हैं, वही लोगों को जोड़ने का काम भी करते हैं। ऐसे में किसी कलाकार को अपमानित करना उचित नहीं है। उन्होंने खेसारी लाल यादव से अपील की कि वह अपने शब्दों पर सोचें और कलाकारों के सम्मान की मर्यादा बनाए रखें।

पति पवन सिंह के साथ रिश्ते पर भी खुलकर बोली ज्योति

ज्योति सिंह ने इस मौके पर अपने पति पवन सिंह के साथ रिश्ते पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि भले ही तलाक का केस अदालत में चल रहा है, लेकिन जब तक फैसला नहीं आता, पवन सिंह उनके पति हैं और रहेंगें। उन्होंने कहा कि वह एक भारतीय नारी हैं, और उनके लिए शादी सिर्फ एक रिश्ता नहीं, बल्कि एक संस्कार है। वह पूरी कोशिश करेंगी कि यह रिश्ता टूटने न पाए।

राजनीतिक गलियारों पर विवाद

राजनीतिक गलियारों में इस विवाद ने नई चर्चा छेड़ दी है। जहां एक ओर कलाकारों की साख और सम्मान का मुद्दा उठ रहा है, वहीं दूसरी ओर लोगों के बीच यह सवाल भी गूंज रहा है कि क्या अब राजनीति में व्यक्तिगत हमले और अपमान ही जीत का हथियार बन चुके हैं। फिलहाल, बिहार की इस फिल्मी सियासत में हर दिन एक नया मोड़ आ रहा है और जनता बड़ी दिलचस्पी से इस कहानी के अगले अध्याय का इंतजार कर रही है।

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