उत्तर प्रदेश के बरेली से दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है, जो गरीबी और अस्पतालों की सख्ती की कड़वी हकीकत बयां करती है। पीलीभीत बायपास पर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान 24 साल के युवक की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि मौत के बाद अस्पताल ने ढाई लाख रुपये का बिल थमा दिया और पैसे न देने पर शव सौंपने से मना कर दिया। मजबूर पिता को सड़क पर भीख मांगनी पड़ी, तब जाकर बेटे की लाश मिली।
मृतक युवक बदायूं जिले के दातागंज क्षेत्र का निवासी था। 1 दिसंबर को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे पहले बदायूं के अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत बिगड़ने पर बरेली के इस निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। यहां करीब 13-14 दिनों तक इलाज चला, सिर की सर्जरी भी हुई, लेकिन युवक की जान नहीं बच सकी।
बेटे की लाश के लिए पिता ने मांगी भीख
परिवार का कहना है कि आर्थिक तंगी के कारण वे बिल अदा नहीं कर पाए। अस्पताल प्रशासन ने शव सौंपने से इनकार कर दिया। पिता ने गुहार लगाई, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। आखिरकार वे अस्पताल के बाहर सड़क पर उतर आए और राहगीरों से पैसे मांगने लगे। रोते-बिलखते भीख मांगते पिता का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। लोगों की मदद से पैसे जुटाए गए और बिल चुकाया गया, इसके बाद शव परिवार को सौंपा गया। गांव लाकर अंतिम संस्कार किया गया।
अस्पताल प्रबंधन ने सभी आरोपों को सिरे से नकारा
दूसरी तरफ, अस्पताल प्रबंधन ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। मैनेजर रजत पटेल का कहना है कि युवक को बेहद गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था और परिवार के कुछ सदस्य अस्पताल में ही काम करते हैं। इलाज के दौरान परिजनों को लगातार अपडेट दिया जाता रहा। अस्पताल स्टाफ का दावा है कि परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कई दवाइयां मुफ्त दी गईं और इलाज के दौरान कोई पेमेंट नहीं लिया गया। मौत के बाद पूरा बिल माफ कर दिया गया था। स्टाफ ने कहा कि अस्पताल परिसर में CCTV कैमरे लगे हैं और बाहर किसी ने भीख नहीं मांगी। प्रबंधन का आरोप है कि यह पूरा मामला बिल माफी के लिए रचा गया षड्यंत्र है।




