समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आज़म खान को मंगलवार को 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से बाहर आते ही उन्होंने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे।
बेटे पहुंचे लेने
आज़म खान को लेने के लिए उनके दोनों बेटे—अदीब और अब्दुल्ला आज़म—जेल पहुंचे। जेल से बाहर निकलने के बाद अदीब ने कहा—
“आज के हीरो आज़म साहब हैं।”
जुर्माने की रकम बनी अड़चन
हालाँकि, रिहाई में थोड़ी देर हुई। दरअसल, रामपुर कोर्ट में एक मुकदमे में 6 हज़ार रुपए का जुर्माना भरना बाकी था। कागज़ी कार्रवाई के दौरान यह पेंच सामने आया और रिहाई रोक दी गई।
- सुबह 10 बजे कोर्ट खुलने के बाद रिश्तेदार फ़रहान उल्ला ख़ान ने जुर्माने की रकम जमा की।
- ईमेल के जरिए कोर्ट ने जेल प्रशासन को सूचना भेजी, जिसके बाद आज़म की रिहाई संभव हो सकी।
104 मुकदमों में घिरे आज़म
आज़म खान के खिलाफ कुल 104 मुकदमे दर्ज हैं।
- पाँच दिन पहले हाईकोर्ट ने उन्हें बार पर कब्ज़े से जुड़े मुकदमे में जमानत दी थी।
- इसके बाद पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ दी थीं।
- 20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने इन धाराओं को खारिज कर दिया, जिससे आज़म की रिहाई का रास्ता साफ हुआ।
शिवपाल यादव का बयान
आज़म खान की रिहाई पर सपा नेता शिवपाल यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा—
“सरकार ने आज़म खान को गलत सज़ा दी थी, लेकिन कोर्ट ने राहत दी है। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं।” रिहाई के दौरान जेल गेट पर भारी भीड़ रही। इसी बीच सांसद रुचि वीरा और पुलिसकर्मियों के बीच बहस भी हुई। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात रही।