उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मोहर्रम का चांद दिखते ही गम और हकीकत का सिलसिला शुरू हो गया। गुरुवार शाम को लखनऊ की तहजीब और इतिहास का प्रतीक माने जाने वाला शाही मेहंदी का जुलूस निकल गया यह जुलूस बड़े इमामबाड़े से शुरू होकर शहर के ऐतिहासिक गलियारों से रूमी दरवाजा लाजपत नगर घंटाघर सतखंडा होते हुए छोटे इमामबाड़े तक के पहुंचा।

मान्यता यह है कि इमाम हुसैन इंसानियत को बचाने के खातिर कर्बला के मैदान में अपने 72 साथियों के साथ यजीद ने उन्हें शहीद कर दिया था तब से उनकी याद में शिया समुदाय द्वारा गमेहुसैनी मातम नोहा अजादारी करते चले आए हैं अगर बात करें सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के लिय पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा सीसीटीवी कैमरे ड्रोन और भारी पुलिस बल पीसीआरए एडीसीपी खुफिया एजेंसी के जवान पुरेरूट पर तैनात रहे।