5 जून 2025 को Ayodhya के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में एक विशेष और ऐतिहासिक पूजा का आयोजन होने जा रहा है। यह दिन केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन राम मंदिर परिसर में स्थापित 14 नए मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा और राम दरबार की विशेष पूजा विधिवत रूप से संपन्न की जाएगी।
आयोजन की विशेषताएँ
यह पूजा कार्यक्रम 3 जून से प्रारंभ होकर 5 जून तक तीन दिनों तक चलेगा। Ayodhya में पहली बार इतने बड़े स्तर पर एक साथ इतने देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। राम मंदिर के पहले तल पर बने इन मंदिरों में भगवान शिव, माता अन्नपूर्णा, सूर्य देव, श्री गणेश, माता भगवती, हनुमानजी और शेषावतार जैसे प्रमुख देवताओं के विग्रह स्थापित किए जा रहे हैं।
विशेष बात यह है कि ये सभी मंदिर रामलला के मुख्य मंदिर के चारों ओर बनाए गए हैं और इनका वास्तुशिल्प अत्यंत प्राचीन भारतीय शैली में निर्मित है। इन मंदिरों की प्रतिष्ठा से संपूर्ण परिसर एक जीवंत आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठेगा।

सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व
राम मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थान नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र है। 5 जून को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा भारत की अध्यात्मिक एकता, सनातन संस्कृति और हजारों वर्षों की आस्था का प्रत्यक्ष प्रमाण है। यह आयोजन Ayodhya को वैश्विक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में और भी मजबूत करेगा। इसके साथ-साथ यह हमारी परंपरा और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का जन्मदिवस
5 जून उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का भी जन्मदिन है। Ayodhya और राम मंदिर के पुनर्निर्माण में उनके नेतृत्व की भूमिका बहुत बड़ी रही है। उनका इस आयोजन में विशेष रूप से सम्मिलित होना इस दिन को और भी ऐतिहासिक बना देगा।