यूपी में कैबिनेट विस्तार के संकेत तेज, कोर कमेटी बैठक के बाद बड़े फेरबदल की अटकलें

लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर हुई यूपी बीजेपी की कोर कमेटी बैठक, जिसमें योगी सरकार के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की गई।

UP News: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार और संगठनात्मक बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। योगी सरकार के मौजूदा मंत्रिमंडल में कई पद लंबे समय से खाली हैं, जिन्हें भरने की कवायद अब 2024 लोकसभा चुनाव के बाद रफ्तार पकड़ती दिख रही है।


वर्तमान में योगी मंत्रिमंडल में कुल 54 मंत्री हैं, जबकि छह पद पहले से रिक्त थे। लोकसभा चुनाव के बाद योगी सरकार के दो मंत्रियों—जितेंद्र प्रसाद और अनूप प्रधान—को केंद्र सरकार में मंत्री बनाए जाने के बाद खाली पदों की संख्या और बढ़ गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को नए मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। इसके अलावा कुछ मौजूदा मंत्रियों को संगठन में भेजे जाने और संगठन से जुड़े कुछ चेहरों को सरकार में लाने पर भी मंथन चल रहा है।


सूत्रों के अनुसार, कुछ राज्य मंत्रियों का कद बढ़ाया जा सकता है और उन्हें स्वतंत्र प्रभार सौंपा जा सकता है। साथ ही बोर्ड और निगमों में भी कई नेताओं का समायोजन किया जा सकता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की भागीदारी बढ़ाने पर खास फोकस रहने की संभावना है, क्योंकि मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों ही पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं।
हाल ही में हुई ब्राह्मण विधायकों की बैठक का असर भी संभावित विस्तार में दिखाई दे सकता है। माना जा रहा है कि 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए ब्राह्मण समुदाय समेत अन्य सामाजिक समीकरणों को साधने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। पार्टी का लक्ष्य एक ऐसी टीम तैयार करना है, जो आगामी चुनाव से पहले संतुलित सामाजिक प्रतिनिधित्व दे सके।
इसी क्रम में मंगलवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की अहम बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक मौजूद रहे। बैठक में संगठन की मजबूती और संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली रवाना हो गए हैं, जिससे राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है। सूत्रों का कहना है कि मकर संक्रांति के बाद नई कार्यकारिणी के गठन और मंत्रिमंडल विस्तार की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो सकती

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