सुलतानपुर। प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) के तहत 31 दिसंबर तक एक करोड़ समूह सदस्यों को ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य तय किया गया है, लेकिन अब तक केवल 92 लाख 43 हजार 986 समूह सदस्य ही इस श्रेणी में आ सकी हैं। तय समय सीमा में महज दो दिन शेष रहने के कारण लक्ष्य पूरा होना अधिकारियों के लिए चुनौती बन गया है।
जिन जिलों में स्वयं सहायता समूहों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है, वहां भी आजीविका से जुड़ी गतिविधियां सुस्त पड़ने के कारण लक्ष्य प्राप्ति में अपेक्षित योगदान नहीं मिल पा रहा है। इससे शासन की मंशा के अनुरूप समयबद्ध कार्य पूरा करना कठिन होता जा रहा है।
सुलतानपुर जनपद में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से करीब 1 लाख 60 हजार समूह सदस्य जुड़े हैं, लेकिन इनमें से अब तक सिर्फ 35 हजार महिलाएं ही लखपति बन सकी हैं। यानी अधिकांश समूह सदस्य अभी भी निर्धारित आय स्तर से नीचे हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में जनपद को 48 हजार 450 महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य दिया गया था। इसके सापेक्ष अब तक 31 हजार 136 महिलाओं की वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक हो सकी है।
अब दिसंबर के अंत तक 65 हजार महिलाओं की आय एक लाख रुपये से ऊपर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे प्रशासन पर दबाव और बढ़ गया है।
लगातार बढ़ते लक्ष्यों और सीमित समय के बीच मिशन से जुड़े अधिकारियों के सामने लाभार्थियों की आय बढ़ाने के लिए नए संसाधन और गतिविधियां तेज करने की चुनौती है। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि तय समय में लक्ष्य कितना हासिल हो पाता है।




