लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रेल नेटवर्क को आने वाले पांच वर्षों में बड़ा विस्तार मिलने जा रहा है। रेलवे बोर्ड के निर्देशों के मुताबिक पूर्वोत्तर रेलवे से निकलने वाली ट्रेनों की संख्या अगले पांच साल में दोगुनी कर दी जाएगी। इसके तहत लखनऊ, इज्जतनगर, वाराणसी और गोरखपुर से चलने वाली ट्रेनों की संख्या में बड़ा इजाफा होगा। वहीं उत्तर रेलवे के प्रमुख स्टेशनों—लखनऊ चारबाग, वाराणसी और अयोध्या—को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर अपग्रेड किया जाएगा, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
रेलवे बोर्ड ने उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। क्षमता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, नई लाइनों और पिट लाइनों का निर्माण किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों और उनके आसपास नए टर्मिनल स्टेशन भी विकसित किए जाएंगे। गोमतीनगर स्टेशन के अपग्रेडेशन का दूसरा चरण लगभग पूरा हो चुका है और इसे जल्द शुरू किया जाएगा। इसके अलावा ऐशबाग, बादशाहनगर और गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर विकास कार्य तेजी से चल रहा है।
रेल नेटवर्क विस्तार के तहत खलीलाबाद–श्रावस्ती–बहराइच नई रेल लाइन को वर्ष 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं गोरखपुर मार्ग से बाराबंकी से छपरा तक 425 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन बिछाने की योजना है। इसके साथ ही चौथी लाइन के निर्माण की भी तैयारी की जा रही है। कई हिस्सों में सर्वे और निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। घाघरा घाट से बुढ़वल तक तीसरी लाइन का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसमें घाघरा नदी पर बना महत्वपूर्ण रेल पुल भी शामिल है।
दूसरी ओर उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अंतर्गत आने वाले चारबाग, वाराणसी और अयोध्या समेत कुल दस स्टेशनों को अपग्रेड करने की योजना है। रेलवे बोर्ड के निर्देशों में दिल्ली, वाराणसी, चंडीगढ़, लुधियाना, अमृतसर, जम्मू, हरिद्वार और बरेली जैसे बड़े स्टेशन भी शामिल हैं। इन सभी स्टेशनों पर अगले पांच वर्षों में रेलगाड़ियों के संचालन की क्षमता को दोगुना किया जाएगा। स्टेशनों के इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया जाएगा और यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुविधाओं में व्यापक सुधार किया जाएगा।




