लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि में बीते साढ़े आठ वर्षों में बड़ा और सकारात्मक बदलाव आया है। आज यूपी पुलिस अपराधियों के मन में भय और आम नागरिकों के लिए विश्वास व सम्मान का भाव पैदा कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश की कानून-व्यवस्था एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन अब उत्तर प्रदेश ‘रूल ऑफ लॉ’ का मजबूत उदाहरण बन चुका है। इससे जहां अपराधियों में डर पैदा हुआ है, वहीं आम लोगों का भरोसा पुलिस पर बढ़ा है।
पुलिस मुख्यालय में शनिवार को आयोजित दो दिवसीय ‘पुलिस मंथन’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा था जब आम जनता असुरक्षा के भाव में जीती थी और अपराधियों का बोलबाला था। पुलिस प्रशिक्षण भी कमजोर था, लेकिन भाजपा सरकार के गठन के बाद कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि साढ़े आठ साल में प्रदेश में 2.19 लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई है, जबकि वर्तमान में 60,244 पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग चल रही है। उन्होंने अधिकारियों को बीट पुलिसिंग को और मजबूत करने की नसीहत दी।
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सात जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की गई है। साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए बड़ा कदम उठाते हुए अब हर जिले में साइबर थाना स्थापित किया गया है और प्रत्येक थाने में साइबर हेल्प डेस्क बनाई गई है। फॉरेंसिक व्यवस्था को मजबूत करते हुए प्रदेश में 12 अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब तैयार हो चुकी हैं, जबकि छह नई लैब पर काम जारी है। यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस ने आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में एसडीआरएफ और यूपीएसएसएफ जैसी विशेष इकाइयों का गठन किया गया है, जो आपदा और सुरक्षा के लिहाज से बेहद प्रभावी साबित हो रही हैं। पुलिस बैरकों को भी हाईटेक बनाया जा रहा है और उन्हें सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। यूपी-112 सेवा का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि पहले रिस्पॉन्स टाइम 60-65 मिनट हुआ करता था, जो अब घटकर छह से सात मिनट रह गया है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘यक्ष’ ऐप का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी राजीव कृष्णा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।




