लखनऊ, 27 दिसंबर 2025 – लखनऊ जेल में चोरी के एक मामले में बंद सीतापुर निवासी युवक मिथुन कुमार (28) की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद चौकी में बेरहमी से पीटा, सीने पर लातें मारीं और हालत बिगड़ने पर भी उचित इलाज नहीं कराया। परिवार को अंतिम समय में अस्पताल बुलाया गया, जहां पहुंचते ही उन्हें युवक की लाश सौंपी गई।मृतक मिथुन कुमार पुत्र चंद्रिका प्रसाद, मूल रूप से सीतापुर के रहने वाले थे और लखनऊ के आशियाना क्षेत्र के रश्मिखंड, बंगला बाजार में पत्नी नैना देवी व दो बच्चों के साथ किराए के मकान में रहते थे। वह लाइटिंग का काम करके परिवार का गुजारा करते थे।घटना का क्रम:
- 29 नवंबर को आशियाना के रतनखंड में अनिल सिंह के घर चोरी हुई।
- पुलिस ने मुख्य आरोपियों शाहरुख और अब्दुल को पकड़ा, जिनकी निशानदेही पर 16 दिसंबर को मिथुन को उनके घर से काम करते समय गिरफ्तार किया गया।
- परिजनों के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने चौकी में डंडे-बेल्ट से पिटाई की और सीने पर चढ़कर लातें मारीं।
- तीन दिन हिरासत में रखने के बाद जेल भेज दिया गया, लेकिन इलाज नहीं कराया।
- 26 दिसंबर को जेल में मिलने गए परिजनों से मिथुन ने पूरी आपबीती सुनाई और कहा कि सीने में तेज दर्द है, इलाज नहीं हो रहा।
- उसी दिन शाम करीब 5:30 बजे जेल से फोन आया कि तबीयत बिगड़ी है, बलरामपुर अस्पताल पहुंचें।
- अस्पताल पहुंचने पर मिथुन सांस नहीं ले पा रहे थे। वीडियो बनाने पर पुलिस ने परिजनों का मोबाइल छीन लिया।
- रात 9 बजे ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया, जहां पहुंचते ही मौत हो गई।
मृतक की बड़ी बहन मनोरमा ने बताया कि पुलिस ने परिवार को लगातार गुमराह किया। तीन दिन तक थाने में कुछ नहीं बताया गया। डायल-112 पर शिकायत के बाद ही पता चला कि मिथुन को पकड़ा गया है।परिवार अब न्याय की गुहार लगा रहा है और पुलिस पर हत्या का आरोप लगा रहा है। अभी तक पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। मामले की जांच की मांग उठ रही है।





