रिटायर्ड दरोगा से साइबर ठगी का बड़ा खेल: ट्रेजरी अधिकारी बन पेंशन के नाम पर उड़ाए 10 लाख

फतेहपुर में साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड पुलिस दरोगा को ही अपना शिकार बना लिया। ट्रेजरी अधिकारी बनकर ठगों ने पेंशन दिलाने के बहाने पहले ऐप डाउनलोड कराया, फिर व्हाट्सएप पर भेजे लिंक के जरिए खाते से दो किस्तों में 10 लाख रुपये उड़ा लिए। यह मामला पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि ठग अब पुलिसकर्मियों को भी निशाना बना रहे हैं।

कैसे दिया ठगी को अंजाम?

धाता थाना क्षेत्र के पल्लावां गांव निवासी रामसेवक सिंह हाल ही में वाराणसी में दरोगा के पद से रिटायर हुए थे। उनका बैंक खाता कौशांबी के मंझनपुर में एसबीआई ब्रांच में है। 20 दिसंबर को उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉलर ने खुद को वाराणसी ट्रेजरी ऑफिस का अधिकारी बताया और कहा कि उनके खाते में पेंशन के लाखों रुपये आने वाले हैं।

ठग ने योनो एसबीआई ऐप डाउनलोड कराकर यूजर आईडी और पासवर्ड ले लिया। फिर 23 दिसंबर को व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा और ऑनलाइन रहते हुए उसे ओपन करने को कहा। जैसे ही रामसेवक ने लिंक क्लिक किया, खाते से दो बार में 5-5 लाख रुपये (कुल 10 लाख) निकल गए। ट्रांजेक्शन के मैसेज आने पर उन्हें ठगी का पता चला। तुरंत बैंक से संपर्क कर आगे निकासी पर रोक लगवाई।

पुलिस की कार्रवाई

साइबर क्राइम थाना प्रभारी निरीक्षक सुनील सिंह ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ठगी में इस्तेमाल मोबाइल नंबरों को ट्रेस करने का प्रयास चल रहा है। जल्द ही आरोपियों तक पहुंचने की उम्मीद है।

पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी है कि किसी अज्ञात कॉल या लिंक पर भरोसा न करें। पेंशन या सरकारी योजना के नाम पर आने वाले मैसेज/कॉल को बैंक या संबंधित विभाग से वेरिफाई करें।

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