मगरमच्छ से भिड़ गया 10 साल का अजय:राष्ट्रपति ने दिया बाल साहस पुरस्कार

आगरा के 10 वर्षीय अजय राज ने जो साहस दिखाया, वह हर किसी को हैरान कर देने वाला है। चंबल नदी में मगरमच्छ के हमले से पिता की जान बचाने के लिए इस बच्चे ने मौत को आंखों में देखकर लाठी से वार किए। इस बहादुरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अजय को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2025 (साहस श्रेणी) से सम्मानित किया। पुरस्कार में मेडल, प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपये की राशि मिली।

उस दिन क्या हुआ?

25 जुलाई को बासौनी बाह क्षेत्र के झरनापुरा गांव के रहने वाले वीरभान सिंह बकरियां चराने चंबल नदी किनारे गए थे। उनके साथ 10 साल का बेटा अजय राज भी था। दोपहर करीब 2 बजे वीरभान पानी भरने नदी में उतरे। तभी पानी से निकले मगरमच्छ ने उनके पैर को जबड़े में जकड़ लिया और गहरे पानी की ओर खींचने लगा।

पिता की चीख सुनकर अजय घबराया नहीं। लाठी उठाई और नदी में कूद पड़ा। सबसे पहले मगरमच्छ के मुंह पर 10 जोरदार वार किए। जब पकड़ नहीं छूटी तो चतुराई दिखाई – दोनों आंखों पर 5 बार लाठी से हमला किया। दर्द से तिलमिलाया मगरमच्छ पकड़ ढीली कर गहराई में भाग गया।

अजय ने पिता को सहारा देकर नदी से बाहर निकाला। ग्रामीणों ने वीरभान को अस्पताल पहुंचाया। यह खबर फैली तो हर तरफ अजय की बहादुरी की चर्चा होने लगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बधाई दी। आगरा जिला प्रशासन ने उसका नाम राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए भेजा।

नई दिल्ली में आयोजित समारोह में अजय की वीरता की कहानी सुनकर सभी भावुक हो गए।

अजय बोला – पिता को हर हाल में बचाना था

अजय राज का कहना है, “मुझे सिर्फ पिता को बचाना था। जो बन पड़ा, वो किया।” इस छोटे से बच्चे की हिम्मत ने पूरे देश को प्रेरित किया है।

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