
प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय अपने एक बयान को लेकर देशभर में यादव समाज के विरोध का सामना करने के बाद अब सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को मजबूर हो गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में वे कथा के दौरान यह कहते नजर आए थे कि सभी यादव यदुवंशी नहीं होते और यादव व यदुवंश अलग-अलग हैं। उनके इस कथन को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
वायरल वीडियो में इंद्रेश उपाध्याय यह कहते सुनाई दिए थे कि कई स्थानों पर यादव स्वयं को भगवान श्रीकृष्ण का वंशज मानते हैं, जबकि उनके अनुसार सभी यादवों को यदुवंशी मानना सही नहीं है। इस टिप्पणी को यादव समाज ने अपनी आस्था, परंपरा और विरासत का अपमान बताया।
बयान सामने आते ही मथुरा समेत देश के कई हिस्सों में यादव समाज के संगठनों ने विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया। विभिन्न संगठनों की ओर से प्रदर्शन किए गए और कड़ा ऐतराज जताया गया। हाल ही में मथुरा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में समाज के प्रतिनिधियों ने इंद्रेश उपाध्याय को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया था।
संगठनों का कहना था कि यह बयान देशभर के करीब 26 करोड़ यादवों की भावनाओं को आहत करने वाला है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि कथावाचक माफी नहीं मांगते हैं तो मामला अदालत तक ले जाया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
चौतरफा विरोध और बढ़ते दबाव के बीच अब इंद्रेश उपाध्याय ने एक वीडियो जारी कर अपने बयान पर खेद जताया है। वीडियो में उन्होंने हाथ जोड़कर यादव समाज से माफी मांगते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्होंने विवाद के लिए अपने शब्दों पर पछतावा भी व्यक्त किया।






