उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। बकाया किराए के चलते मकान मालिक ने एक विधवा महिला को उसके पति के शव और घरेलू सामान के साथ सड़क पर खड़ा कर दिया। बेबस महिला शव लेकर सड़क किनारे बैठी रही, लेकिन पड़ोसियों ने आगे आकर इंसानियत की मिसाल कायम की।
क्या है पूरा मामला?
घटना गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के शुक्लागंज इंदिरा नगर की है। हरदोई निवासी 60 वर्षीय विनोद कुमार अपनी पत्नी अनीता के साथ यहां किराए के मकान में रहते थे। दंपती की कोई संतान नहीं थी और वे परिवार से भी अलग-थलग थे। विनोद ई-रिक्शा चलाकर गुजारा करते थे।
एक सप्ताह पहले विनोद की तबीयत बिगड़ी। आर्थिक तंगी के बावजूद अनीता ने उन्हें कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन बुधवार को उनकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार के लिए पैसे न होने से अनीता शव लेकर घर लौटीं।
यहां मकान मालिक ने संवेदना दिखाने की बजाय बकाया किराए का हवाला देकर उन्हें शव और सामान सहित घर से बाहर निकाल दिया। बेबस अनीता पति के शव के साथ सड़क पर बैठ गईं और रोती रहीं। उनकी हालत देखकर मोहल्ले वाले भी द्रवित हो गए।
इस मुश्किल घड़ी में पड़ोसी संजय सिंह आगे आए और फरिश्ता बनकर मदद की। उन्होंने शव का पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार कराया और खुद मुखाग्नि दी। स्थानीय लोग संजय की इस नेकदिली की तारीफ कर रहे हैं।
सूचना पर नगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि संदीप पांडेय और सभासद रोहित मौके पर पहुंचे। उन्होंने अनीता की दयनीय स्थिति देखते हुए तुरंत राहत प्रदान की। अनीता को नया कमरा दिलवाया गया, 6 महीने का अग्रिम किराया जमा कराया गया, एक महीने का राशन दिया गया और मेडिकल मदद का इंतजाम किया गया। पूरी तरह ठीक होने के बाद उन्हें रोजगार दिलाने का भरोसा भी दिलाया गया।
पुलिस ने बताया कि अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं आई है, लेकिन शिकायत मिलने पर मकान मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।





