वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने नववर्ष के मौके पर आने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। 31 दिसंबर 2025 और 1 जनवरी 2026 को VIP दर्शन, प्रोटोकॉल दर्शन और स्पर्श दर्शन पूरी तरह बंद रहेंगे। इसका मकसद आम श्रद्धालुओं को बराबर और सुगम दर्शन की सुविधा देना है।
कब और क्यों लिया गया फैसला? नववर्ष के दौरान देशभर से लाखों श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम पहुंचते हैं। पिछले सालों में 31 दिसंबर और 1 जनवरी को मंदिर परिसर में भारी भीड़ और अफरा-तफरी की स्थिति बन जाती थी। कई बार VIP और प्रोटोकॉल वाले लोग लंबी कतारों में आम भक्तों के आगे पहुंच जाते थे, जिससे असंतोष बढ़ता था। इस बार प्रशासन ने इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है।
क्या-क्या बंद रहेगा?
- VIP दर्शन: कोई भी वीआईपी पास या विशेष व्यवस्था नहीं होगी।
- प्रोटोकॉल दर्शन: मंत्री, विधायक, सांसद या अन्य प्रोटोकॉल वाले व्यक्तियों के लिए अलग से दर्शन की सुविधा नहीं मिलेगी।
- स्पर्श दर्शन: भगवान विश्वनाथ के साथ सीधा स्पर्श (जैसे ज्योतिर्लिंग को हाथ लगाना) पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
- दर्शन केवल दूर से (दर्शन खिड़की के माध्यम से) होगा।
श्रद्धालुओं के लिए नई व्यवस्था मंदिर प्रशासन ने कहा है कि सभी श्रद्धालु एक ही कतार में लगकर दर्शन करेंगे। ऑनलाइन बुकिंग के जरिए पहले से टोकन लेना अनिवार्य रहेगा। मंदिर में 24 घंटे की निगरानी, अतिरिक्त सीसीटीवी, पुलिस और सुरक्षा बल तैनात रहेंगे। भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त गेट, वेटिंग एरिया और पानी-चिकित्सा की व्यवस्था की गई है।
प्रशासन का संदेश काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा, “हमारा प्रयास है कि नववर्ष के पावन अवसर पर सभी भक्त बराबरी से बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकें। कोई भी विशेष दर्जा नहीं चलेगा। यह फैसला आम श्रद्धालु की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है।”



