उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले भेड़ियों और तेंदुओं की दहशत झेल चुके इलाके में अब बाघ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इंडो-नेपाल बॉर्डर से सटे रूपईडीहा थाना क्षेत्र के पचपकरी गांव में एक बाघ ने एक बालिका सहित तीन लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। एक घायल की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बुधवार सुबह की यह घटना है। 12 वर्षीय प्रियंका अपनी 10 साल की छोटी बहन संजना के साथ गांव के पास खेत में शौच करने गई थी। तभी जंगल की ओर से आए बाघ ने उन पर अचानक धावा बोल दिया। दोनों बहनों के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े, लेकिन तब तक बाघ ने दोनों को घायल कर दिया था। इसी दौरान एक अन्य व्यक्ति भी बाघ के हमले का शिकार हो गया। तीनों घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एक की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
वन विभाग की टीम सर्च ऑपरेशन में जुटी
सूचना मिलते ही वन विभाग और एसएसबी (सीमा सुरक्षा बल) की टीमें मौके पर पहुंचीं। बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए हैं और ड्रोन की मदद से बॉर्डर क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। बहराइच फॉरेस्ट डिवीजन के अधिकारियों ने ग्रामीणों से जंगल किनारे वाले इलाकों में अकेले न जाने और विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
बहराइच का यह क्षेत्र कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से लगा हुआ है, जहां बाघों की आवाजाही आम है। नेपाल बॉर्डर होने से जंगली जानवर आसानी से सीमा पार कर आ जाते हैं। हाल के महीनों में यहां भेड़ियों के हमलों से कई जानें जा चुकी हैं, और अब बाघ की एंट्री से इलाके में दहशत और बढ़ गई है। ग्रामीणों ने वन विभाग से स्थायी समाधान की मांग की है।




