गोंडा में हनीट्रैप का दर्दनाक अंत: इंजीनियर ने दीवार पर चिपकाए सबूत, फिर लगा ली फांसी

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक शिक्षित युवा इंजीनियर की आत्महत्या ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। बीटेक और एमबीए की डिग्री हासिल करने वाला 25 वर्षीय अभिषेक श्रीवास्तव पड़ोस में रहने वाली शादीशुदा महिला सोनल सिंह और उसके पति अजीत सिंह द्वारा कथित रूप से हनीट्रैप, ब्लैकमेलिंग और फर्जी केस में फंसाए जाने से मानसिक रूप से टूट गया। मौत से पहले उसने अपने कमरे की दीवारों पर सोनल की तस्वीरें, व्हाट्सएप चैट्स के स्क्रीनशॉट और कॉल डिटेल्स चिपका दिए, ताकि दुनिया को सच पता चले।

कैसे फंसा अभिषेक जाल में?

अभिषेक गायत्रीपुरम कॉलोनी में अपनी छोटी बहन के साथ रहता था। उसके माता-पिता का निधन हो चुका था और उसे अच्छी खासी संपत्ति मिली हुई थी। घर के ठीक सामने रहने वाली सोनल सिंह (32 वर्षीय) से वर्क फ्रॉम होम के दौरान उसकी नजदीकियां बढ़ीं।

  • सोनल ने प्यार का नाटक किया, लेकिन असल मकसद अभिषेक की संपत्ति पर नजर था।
  • छह महीनों में दंपत्ति ने उससे करीब 7 लाख रुपये ऐंठ लिए – शॉपिंग के लिए 2 लाख और नकद 5 लाख।
  • जब अभिषेक ने दूरी बनानी शुरू की, तो सोनल ने फर्जी छेड़खानी का केस दर्ज करा दिया।
  • पुलिस ने अभिषेक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जमानत पर छूटने के बाद दंपत्ति ने 10 लाख रुपये की मांग की और कहा कि आगे भी जब जरूरत पड़ेगी, पैसे देने होंगे – चाहे प्रॉपर्टी बेचनी पड़े।

इस मानसिक प्रताड़ना और समाज में बदनामी के डर से अभिषेक टूट गया।

मौत से पहले का चौंकाने वाला इंतजाम

घटना वाले दिन कमरा अंदर से बंद था। परिजनों ने शक होने पर पुलिस बुलाई और दरवाजा तोड़ा। अंदर का नजारा दिल दहला देने वाला था:

  • अभिषेक पंखे से लटका हुआ था। मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था और हाथ-पैर बंधे थे।
  • दीवारों पर सोनल की फोटो, व्हाट्सएप चैट्स के प्रिंटआउट और वीडियो कॉल के स्क्रीनशॉट चिपके हुए थे।
  • सुसाइड नोट में ब्लैकमेलिंग और प्रताड़ना का जिक्र था।

परिजनों का कहना है कि ये सबूत अभिषेक ने इसलिए चिपकाए ताकि उसकी मौत के बाद सच सामने आए।

पुलिस की कार्रवाई

अभिषेक के चचेरे भाई उद्भव श्रीवास्तव की शिकायत पर सोनल सिंह और अजीत सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस जांच कर रही है और फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए हैं।

नोट: मानसिक तनाव में कोई कदम उठाने से पहले परिजनों या हेल्पलाइन से बात करें। जीवन अनमोल है।

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