उत्तर प्रदेश में राजस्व लेखपाल के 7994 पदों की भर्ती में आरक्षण को लेकर चले विवाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। वर्टिकल और हॉरिजॉंटल आरक्षण सही ढंग से लागू न होने की शिकायतों के बाद सीएम ने देर रात बैठक बुलाकर फटकार लगाई और रोस्टर का सख्ती से पालन करने को कहा। इससे आरक्षित वर्ग के लाखों अभ्यर्थियों को बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।
विवाद की वजह और त्वरित कार्रवाई
भर्ती का नोटिफिकेशन जारी होने और आवेदन शुरू होने के बाद अभ्यर्थियों ने शिकायत की कि वर्टिकल आरक्षण (ओबीसी को 27%, एससी को 21%, एसटी को 2%) और हॉरिजॉंटल आरक्षण ठीक से नहीं लागू किया गया। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को उठाया और आरक्षित वर्गों के साथ न्याय की मांग की।
शुक्रवार देर रात हुई बैठक में सीएम योगी ने कहा कि सरकार हर वर्ग को उसका संवैधानिक हक देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण नियमों की कोई अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी 7994 पदों की फिर से समीक्षा कर आरक्षण रोस्टर लागू करने के साफ आदेश दिए।
राजस्व परिषद की पहल
सीएम के निर्देशों पर तुरंत अमल करते हुए राजस्व परिषद सक्रिय हो गई। परिषद के आयुक्त ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) को पत्र लिखा है, जिसमें एक सप्ताह के अंदर संशोधित अधियाचन सूचना उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसमें वर्टिकल और हॉरिजॉंटल आरक्षण को पूरी तरह लागू करने पर विशेष बल दिया गया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि इस कदम से भर्ती प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी बनेगी और आरक्षित श्रेणी के युवाओं को उचित अवसर मिलेगा। संशोधन के बाद नई अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है, जिससे विवाद खत्म हो सकता है।
गौरतलब है कि यह भर्ती लंबे समय से रुकी हुई थी और अब इसके जल्द पूरा होने की संभावना बढ़ गई है।




