उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति एक बार फिर धार्मिक, सामाजिक और नैतिक विमर्श के केंद्र में है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा ‘जय श्री राम’ या ‘जय श्री कृष्ण’ जैसे धार्मिक नारों के सवाल पर दिया गया जवाब-‘जय भीम, जय समाजवाद’I सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश माना जा रहा है.
अखिलेश यादव का यह नारा उनकी PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति को और स्पष्ट करता है. खासतौर पर ‘जय भीम’ को पहले रखकर उन्होंने यह संकेत दिया है कि समाजवादी पार्टी अब दलित राजनीति को नए सिरे से साधने की कोशिश में है. बहुजन समाज पार्टी के कमजोर पड़ने और दलित वोट बैंक के बिखराव के बीच अखिलेश खुद को अंबेडकरवादी विचारधारा के राजनीतिक विकल्प के रूप में पेश करना चाहते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नारा बीजेपी की हिंदुत्व आधारित राजनीति की वैचारिक काट के रूप में देखा जा सकता है, जहां धार्मिक पहचान के मुकाबले सामाजिक न्याय को केंद्र में रखा गया है.
दूसरी ओर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ा बुर्का विवाद भी सियासी बयानबाजी का बड़ा मुद्दा बना हुआ है. एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एक मुस्लिम महिला का बुर्का खींचने का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए. इस पर अखिलेश यादव ने अपेक्षाकृत संयमित प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इसे ‘उम्र का असर’ बताते हुए कहा कि बुजुर्ग लोग कभी-कभी बच्चों जैसा व्यवहार करने लगते हैं, इसलिए उन्हें साथ में ऐसे सहयोगी रखने चाहिए जो समय पर उन्हें समझा सकें. अखिलेश की यह टिप्पणी जहां एक ओर नीतीश कुमार के व्यवहार पर सवाल उठाती है, वहीं दूसरी ओर व्यक्तिगत हमले से बचने की राजनीतिक समझदारी भी दिखाती है.

इसी बीच उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अयोध्या पहुंचकर राम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रिम नेता रहे रामविलास वेदांती को श्रद्धांजलि देना भी खास राजनीतिक संदेश देता है. राम मंदिर आंदोलन से जुड़े नेताओं को सम्मान देकर योगी आदित्यनाथ एक बार फिर बीजेपी के कोर हिंदुत्व समर्थक आधार को मजबूत करने की कोशिश करते दिखे.

कुल मिलाकर, ‘जय भीम, जय समाजवाद’ का नारा, नीतीश कुमार के व्यवहार पर अखिलेश की टिप्पणी और राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ी गतिविधियां , ये तीनों घटनाएं यह दिखाती हैं कि 2024 के बाद भी उत्तर भारत की राजनीति विचारधारात्मक ध्रुवीकरण और नए सामाजिक गठजोड़ की दिशा में आगे बढ़ रही है.



