Breaking News: रोहिणी आचार्य का राजनीति से संन्यास, RJD में बढ़ी हलचल

0
13

बिहार चुनाव परिणाम आने के ठीक अगले दिन लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने का चौंकाने वाला निर्णय घोषित कर दिया. एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि वे राजनीति से संन्यास ले रही हैं और अपने परिवार से दूरी बना रही हैं. इस घोषणा ने न सिर्फ लालू परिवार बल्कि पूरी बिहार राजनीति में खलबली मचा दी है.

रोहिणी आचार्य ने अपनी पोस्ट में यह भी आरोप लगाया कि उन्हें यह कदम संजय यादव और रमीज के दबाव में लेना पड़ा. हालांकि उन्होंने आग्रह किया कि पूरा दोष वे खुद पर ले रही हैं. परिवार और पार्टी में लंबे समय से चल रहे तनाव के बाद उनकी यह भावनात्मक पोस्ट राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है.

RJD का आधिकारिक रुख

रोहिणी के संन्यास के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की प्रतिक्रिया भी सामने आई. पार्टी ने कहा कि यह पूरी तरह परिवार का आंतरिक मामला है और इस पर अधिक टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. हालांकि पार्टी नेतृत्व की इस दूरी से कयास लगाया जा रहा है कि राजद के भीतर स्थिति उतनी शांत नहीं है जितनी बाहर दिखाई जाती है.

बीजेपी की प्रतिक्रिया

रोहिणी आचार्य के फैसले पर बीजेपी नेता प्रदीप भंडारी ने भी एक्स पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “परिवार बनाम परिवार” वाली भविष्यवाणी अब सच साबित हो रही है. उनके अनुसार, आरजेडी का अंदरूनी संकट अब सार्वजनिक हो चुका है और यह पार्टी के लिए आने वाले समय में बड़ी चुनौती बन सकता है.

RJD में पहले भी परिवारिक दरारें

लालू यादव के परिवार में मतभेद और राजनीतिक टकराव पहले भी सामने आए हैं. विशेष रूप से उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का उदाहरण सभी को याद है. तेज प्रताप को लालू यादव ने खुद बेदखल किया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाई और बिहार चुनाव में RJD के खिलाफ खुलकर मैदान में उतरे. हालांकि महुआ सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

क्या संकेत देता है यह घटनाक्रम?

हाल के महीनों में आरजेडी के भीतर लगातार उभरते विवादों ने पार्टी की अंदरूनी कमजोरी और नेतृत्व संकट को उजागर कर दिया है. बिहार चुनाव में मिली करारी हार के तुरंत बाद रोहिणी आचार्य का यह कदम पार्टी के लिए और झटके की तरह आया है. पारिवारिक कलह के सार्वजनिक होने से RJD की साख और राजनीतिक रणनीति दोनों प्रभावित होने की संभावना है. रोहिणी का यह फैसला आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति और लालू परिवार की दिशा को किस तरह बदलता है, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here