बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद राजनीतिक हलचलें एक बार फिर तेज हो गई हैं। चुनावों से पहले एनडीए गठबंधन में कई तरह के मतभेद और खींचतान की खबरें सामने आ रही थीं। चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार के बीच मतभेदों के कारण एनडीए का भविष्य अनिश्चित माना जा रहा था, लेकिन कई केंद्रीय मंत्रियों के हस्तक्षेप और बैठकों के बाद अंततः गठबंधन एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरा। इसका परिणाम यह हुआ कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने इस चुनाव में 19 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की।
गठबंधन की एकजुटता
जीत के बाद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने गठबंधन की एकजुटता पर जोर देते हुए साफ कहा कि एनडीए में किसी प्रकार की दरार नहीं है। शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद चिराग पासवान ने बताया कि सीएम ने सभी सहयोगियों की भूमिका की सराहना की है। चिराग ने वोट का समीकरण भी समझाया और बताया कि किस तरह दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे के उम्मीदवारों के लिए वोट डाले। उन्होंने कहा—“मैंने अपने क्षेत्र अलौली में जेडीयू उम्मीदवार को वोट दिया, जबकि सीएम ने एलजेपी (रामविलास) उम्मीदवार को वोट दिया। इससे साफ है कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं, बल्कि मजबूत एकता है।”
राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं पर विराम
इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चल रही गठबंधन टूट की चर्चाओं पर भी विराम लग गया। चिराग ने कहा कि जो लोग एनडीए में फूट की अफवाहें फैला रहे थे, वे सिर्फ गलत कहानियां गढ़ रहे थे।
वहीं, जीत के बाद हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी एनडीए को मिले जनादेश पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के पलायन के मुद्दे को बखूबी समझते हैं और निवेशकों को राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। मांझी ने कहा कि आने वाले वर्षों में बिहार में रोजगार की स्थिति बेहतर होगी, ताकि राज्य के युवाओं को बाहर नहीं जाना पड़े।
मांझी ने नीतीश कुमार की सराहना
मांझी ने नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा—“हमें इतना बड़ा जनादेश नीतीश कुमार की वजह से मिला है। अब यह उनकी बड़ी जिम्मेदारी है और वे इसे निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने दावा किया कि बिहार के ‘अच्छे दिन आ गए हैं’ और आने वाले 5 वर्षों में राज्य में बड़ा बदलाव दिखेगा। मांझी ने आगे कहा कि अगले चुनावों में बंगाल एनडीए का अगला लक्ष्य होगा, क्योंकि वहां गरीबी, भ्रष्टाचार और अत्याचार चरम पर है।


