दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार (10 नवंबर) को हुए धमाके के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना के बाद की स्थिति की गृह मंत्री अमित शाह और शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा की और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। दिल्ली की इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है।
सात लोगों को हिरासत में लिया
लखनऊ से मिली बड़ी खबर के अनुसार, कैसरबाग बस स्टैंड से तब्लीकी जमात के सात लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इन सभी के पास कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड नहीं था। पुलिस के अनुसार, सभी हरदोई से लखनऊ आए थे। जब पुलिस ने पहचान पूछी तो ये जवाब नहीं दे पाए, जिसके बाद सभी को थाने ले जाकर पूछताछ शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री योगी ने हाई अलर्ट जारी किया
दिल्ली में हुए धमाके के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल डीजीपी राजीव कृष्ण से बातचीत की और पूरे प्रदेश को हाई अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खुफिया विभाग, पुलिस और विशेष बलों को अधिकतम सतर्कता बरतने को कहा गया है। इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया और चौकसी बढ़ा दी गई।
डीसीपी ने संभाली कमान
लखनऊ में डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने सुरक्षा व्यवस्था की खुद कमान संभाली। चारबाग रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर भारी पुलिस बल, डॉग स्क्वॉड और बम निरोधक दस्ते तैनात किए गए। होटल, पार्किंग और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जांच अभियान चलाया गया। चारबाग क्षेत्र में वाहनों की गहन चेकिंग की गई और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम को देने के निर्देश जारी हुए। इसी तरह, हरदोई, इटावा, रामपुर, सिद्धार्थनगर और झांसी जैसे जिलों में भी पुलिस-प्रशासन सड़कों पर उतरा। इटावा में एसएसपी ने खुद रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर पैदल मार्च कर सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया। झांसी में डॉग स्क्वॉड और बम डिटेक्टर की मदद से मॉल, मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों की जांच हुई। रामपुर में एसपी और जिला प्रशासन ने संयुक्त गश्त की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
यूपी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां
फिलहाल यूपी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अब तक किसी भी संदिग्ध गतिविधि की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पूरे प्रदेश में चौकसी चरम पर है। योगी सरकार ने साफ किया है कि सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होगा और जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।


