देश में डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) लगातार नए मुकाम हासिल कर रहा है। हर त्योहार और बड़े अवसर पर यूपीआई के जरिए लोगों के लेनदेन के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (23 अक्टूबर) को जानकारी दी कि धनतेरस के दिन यानी 18 अक्टूबर को यूपीआई प्लेटफॉर्म पर 1.02 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए। इस दौरान कुल 75.4 करोड़ ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए, जो अब तक का सबसे बड़ा एकदिवसीय आंकड़ा है।
वित्त मंत्री ने बताया हुई 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी
वित्त मंत्री ने बताया कि धनतेरस से लेकर दीपावली तक के तीन दिनों में यूपीआई के माध्यम से औसतन 73.69 करोड़ ट्रांजैक्शन प्रतिदिन हुए। पिछले साल इसी अवधि में यह औसत 64.74 करोड़ था, जो इस साल लगभग 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस बार का फेस्टिव सीजन रिटेल व्यापारियों और ग्राहकों दोनों के लिए काफी लाभदायक रहा है। जीएसटी दरों में कमी और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने से बाजार में मांग बढ़ी है।
ग्राहकों की ओर से बड़ी मात्रा में खरीदारी
निर्मला सीतारमण ने बताया कि लैब में तैयार किए गए हीरे, कैजुअल वियर कपड़े, होम डेकोर और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स जैसे क्षेत्रों में भी ग्राहकों की ओर से बड़ी मात्रा में खरीदारी हुई है। इससे यह स्पष्ट है कि भारत का मिडिल क्लास अब डिजिटल पेमेंट्स के जरिए अपने बजट में रहते हुए भी ज्यादा खरीदारी करने में सक्षम हुआ है।
फेस्टिव सीजन में रिकॉर्ड 5.40 लाख करोड़ की बिक्री
व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल नवरात्रि से लेकर दीपावली तक के फेस्टिव सीजन में देशभर में 5.40 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। इसमें करीब 65,000 करोड़ रुपये की सर्विसेज की खरीद भी शामिल है। यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले 25 प्रतिशत ज्यादा है, जब बिक्री लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये तक रही थी।
क्या कहता है रिसर्च?
कैट की रिसर्च विंग के अनुसार, इस साल रिटेल सेक्टर का योगदान सबसे अधिक रहा और कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी लगभग 85 प्रतिशत दर्ज की गई। ऑफलाइन बाजारों में भी ग्राहकों की भीड़ देखने को मिली। कन्फेक्शनरी, रेडीमेड कपड़े, जूते-चप्पल, होम डेकोर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और डेली यूज आइटम्स की कैटेगरी में सबसे ज्यादा बिक्री दर्ज की गई।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी दरों में कमी और डिजिटल भुगतान की बढ़ती स्वीकार्यता ने इस बार खरीदारी को और आसान बना दिया है। इससे व्यापारियों को भी बड़ा फायदा हुआ है और उपभोक्ताओं को बेहतर दामों पर सामान खरीदने का अवसर मिला है। कुल मिलाकर, इस फेस्टिव सीजन ने न केवल बाजारों में रौनक बढ़ाई बल्कि डिजिटल इंडिया के विजन को भी मजबूती दी है।


