गुजरात की राजनीति में शुक्रवार को बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। कुल 16 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया है। यह कदम आगामी मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी के तहत उठाया गया है। नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार, 17 अक्टूबर को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम सुबह 11:30 बजे होगा, जहां राज्यपाल आचार्य देवव्रत नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन
सूत्रों के अनुसार, इस बार के मंत्रिमंडल विस्तार में लगभग 10 नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं, जबकि आधे मौजूदा मंत्रियों को बदला जा सकता है। भाजपा का प्रयास है कि आगामी विधानसभा चुनाव 2027 और स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए नई टीम बनाई जाए, जिसमें क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन का पूरा ध्यान रखा जाए।
8 कैबिनेट मंत्री और 8 राज्य मंत्री शामिल
वर्तमान में गुजरात सरकार में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित 17 मंत्री हैं, जिनमें 8 कैबिनेट मंत्री और 8 राज्य मंत्री शामिल हैं। संविधान के अनुसार, 182 सदस्यीय विधानसभा में अधिकतम 27 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। इस लिहाज से भाजपा के पास 10 नए चेहरों को शामिल करने की पूरी गुंजाइश है।
भाजपा नेताओं और संगठन के पदाधिकारियों की बैठक
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार रात गांधीनगर स्थित अपने आवास पर भाजपा नेताओं और संगठन के पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में कैबिनेट विस्तार की अंतिम रूपरेखा तय की गई। इसमें तय हुआ कि भाजपा के पुराने चेहरों के साथ-साथ कांग्रेस से पार्टी में शामिल हुए कुछ विधायकों को भी मंत्री पद दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि नए मंत्रियों के चयन में क्षेत्र, जातीय समीकरण और आगामी चुनावों की रणनीति को ध्यान में रखा गया है। पार्टी चाहती है कि आगामी चुनावों में विपक्ष के प्रभाव को कम किया जाए और राज्य में भाजपा का जनाधार और मजबूत बनाया जाए।
गुजरात की राजनीति में नई दिशा
17 अक्टूबर को होने वाला यह शपथ ग्रहण समारोह गुजरात की राजनीति में नई दिशा तय करेगा और भाजपा के लिए आने वाले चुनावों का टोन सेट करने वाला बड़ा कदम साबित हो सकता है।


