मध्य प्रदेश में संदिग्ध कफ सिरप से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 24 घंटों में तीन और मासूमों ने दम तोड़ दिया, जिससे मौत का आंकड़ा बढ़कर 20 हो गया है। वहीं नागपुर में पांच बच्चे गंभीर हालत में भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बच्चों ने जिस कफ सिरप का सेवन किया था, उसका नाम ‘कोल्ड्रिफ’ है, जिसे चेन्नई की एक फार्मा कंपनी ने तैयार किया था।
अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कंपनी के मालिक और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पुलिस ने कोल्ड्रिफ के मालिक की गिरफ्तारी के लिए टीमें चेन्नई और कांचीपुरम भेज दी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित बैच के सभी सिरप की बिक्री और वितरण पर तत्काल रोक लगा दी है।
जांच में हुआ खुलासा
जांच में पता चला है कि जिस सिरप का उपयोग बच्चों को खांसी और जुकाम के इलाज में दिया गया था, उसमें मानक से अधिक डायथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) और एथिलीन ग्लाइकॉल (Ethylene Glycol) जैसे रसायन मौजूद थे, जो शरीर में ज़हर की तरह असर करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह रसायन गुर्दे को क्षतिग्रस्त कर सकता है और बच्चों में मौत का कारण बन सकता है।
दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। राज्य में सभी दवा दुकानों और गोदामों की जांच के आदेश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मृत बच्चों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा और मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है।