चंडीगढ़: हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने निजी आवास में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना के समय वह पुलिस ट्रेनिंग सेंटर सुनारिया, रोहतक में पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के पद पर तैनात थे। इस दुखद घटना ने पुलिस महकमे और प्रशासनिक हलकों में शोक की लहर दौड़ा दी है। उनकी पत्नी, जो एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ जापान के दौरे पर थीं। यह संयोग ही है कि घटना उनके अनुपस्थिति में हुई।
पड़ोसियों ने स्थानीय पुलिस को किया सूचित
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गोली चलने की आवाज सुनकर पड़ोसियों ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और फॉरेंसिक विशेषज्ञों के साथ घटनास्थल की जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है, लेकिन आत्महत्या के पीछे के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाएगी, और सभी संभावित पहलुओं की गहन पड़ताल की जा रही है।
पूरन कुमार के खुदखुशी की वजह
वाई पूरन कुमार 2001 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं और अपनी कार्यकुशलता के लिए जाने जाते थे। उनकी आत्महत्या की खबर ने उनके सहकर्मियों और परिचितों को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस महकमे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस तरह की घटना बेहद दुखद और अप्रत्याशित है। उन्होंने कहा कि पूरन कुमार के इस कदम के पीछे की वजहों का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
फॉरेंसिक जांच के नतीजो का इंतजार
फिलहाल, पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं और फॉरेंसिक जांच के परिणामों का इंतजार कर रही है। साथ ही, पूरन कुमार के परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों से पूछताछ की जा रही है ताकि उनके मानसिक और भावनात्मक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सके। इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन जैसे मुद्दों पर फिर से चर्चा छेड़ दी है, खासकर उच्च पदों पर कार्यरत अधिकारियों के लिए। जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में और स्पष्टता आने की उम्मीद है।