क्या अब खंडहर में बदल जाएगा सहारा श्री का साम्राज्य? ऐसे शुरू हुआ बिखराव का सफर!

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कभी राजनीतिक रसूख और शानो-शौकत की पहचान रहे सहारा समूह के दिन अब लगातार मुश्किलों में फंसते जा रहे हैं। सहारा श्री सुब्रत रॉय के निधन के बाद जहां एक तरफ समूह का साम्राज्य कमजोर होता दिख रहा है, वहीं सरकारी एजेंसियां और विभाग अब एक-एक करके सहारा की संपत्तियों पर शिकंजा कस रहे हैं। ताजा कार्रवाई में लखनऊ के गोमती नगर स्थित सहारा श्री का अपना आलीशान घर सील कर दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि प्रॉपर्टी टैक्स और लीज की शर्तों के उल्लंघन को लेकर यह कदम उठाया गया है। सूत्रों की मानें तो आने वाले महीने में इन संपत्तियों पर बुलडोज़र चलने की भी संभावना है।

270 एकड़ जमीन जब्त – सहारा का बिखरता हुआ साम्राज्य

लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और नगर निगम की ओर से अब तक सहारा की करीब 270 एकड़ जमीन कब्जे में ली जा चुकी है। इनमें गोमती नगर, उजरियांव और जियामऊ इलाके की प्रमुख ज़मीनें शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट्स पर सहारा की ओर से न तो कोई विकास कार्य हुआ और न ही तय शर्तों का पालन। नगर निगम आयुक्त गौरव कुमार के मुताबिक, 170 एकड़ जमीन शर्तों का उल्लंघन करने पर कब्जे में ली गई है। वहीं LDA ने भी 109 एकड़ जमीन ग्रीन बेल्ट नियम तोड़ने पर जब्त कर ली है।

19 प्रॉपर्टीज पर बकाया – 20 करोड़ की देनदारी

जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार, सहारा समूह पर करीब 20 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी टैक्स देनदारी दर्ज है। कुल 19 संपत्तियों की समीक्षा चल रही है। इनमें से चार संपत्तियों पर कार्रवाई पूरी हो चुकी है, जबकि बाकी 15 पर भी कार्रवाई की तैयारी है। प्रशासन ने साफ किया है कि 30 सितंबर तक बकाया न जमा करने पर सभी पर कुर्की की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

LDA ने 100 एकड़ जमीन पर बनाया बायो-डायवर्सिटी पार्क

सहारा ग्रुप की ग्रीन बेल्ट में दी गई जमीन भी अब वापस ले ली गई है। सितंबर 2024 में LDA ने 109 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया और अब इस पर शहर का पहला बायो-डायवर्सिटी पार्क विकसित किया जा रहा है। इस पार्क पर करीब 14 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

सहारा बाजार की नीलामी की तैयारी – 85 करोड़ रिजर्व प्राइस

गोमती नगर के वीआईपी इलाके विभूतिखंड में स्थित सहारा बाजार कॉम्प्लेक्स को भी प्रशासन ने कब्जे में ले लिया है। अब इसकी ई-नीलामी 10 नवंबर 2025 को होगी। नीलामी के लिए रिजर्व प्राइस 85 करोड़ रुपये तय की गई है। यह कॉम्प्लेक्स वेव मॉल के पास स्थित है और लीज की अवधि 2017 में ही खत्म हो चुकी थी।

सहारा की दलील – 800 करोड़ खर्च, नियम नहीं तोड़े

सहारा समूह की ओर से प्रशासन के आरोपों को खारिज किया गया है। कंपनी का कहना है कि पिछले 28 सालों में सहारा शहर के विकास, निर्माण और मेंटेनेंस पर 800 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए। कंपनी का दावा है कि नुकसान उन्हें हुआ है, नगर निगम को नहीं।

लखनऊ में सहारा की प्रमुख संपत्तियां

  • सहारागंज मॉल – 100 से ज्यादा ब्रांडेड स्टोर और मल्टीप्लेक्स वाला मॉल।
  • सहारा श्री का आवास – गोमती नगर की आलीशान कोठी, जो कभी राजनीति और फिल्मी हस्तियों की महफिलों का केंद्र थी।
  • सहारा भवन – कपूरथला और अलीगंज स्थित कॉम्प्लेक्स।
  • सहारा मीडिया ऑफिस और आवासीय फ्लैट्स – गोमती नगर।
  • सहारा बाजार – विभूतिखंड स्थित, जिसे नीलामी की प्रक्रिया में लाया जा चुका है।

कभी साम्राज्य, आज संघर्ष

सहारा श्री सुब्रत रॉय का साम्राज्य कभी भारत के सबसे प्रभावशाली कारोबारी घरानों में गिना जाता था। राजनीतिक नेताओं से लेकर फिल्मी सितारों और क्रिकेट के बड़े खिलाड़ियों तक से उनकी नजदीकियां सुर्खियों में रहती थीं। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। एक ओर सेबी का दबाव, दूसरी ओर सरकारी कार्रवाई ने सहारा के साम्राज्य को हिला कर रख दिया है। लखनऊ में सहारा की संपत्तियों पर हो रही कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि सहारा का कभी चमकदार साम्राज्य अब बिखराव की कगार पर है। आने वाले महीनों में बुलडोज़र चलने और कई संपत्तियों की नीलामी की संभावना और तेज हो सकती है।

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