Asia Cup का जश्न ऐसा कि ट्रॉफी भी रह गई पीछे, टीम इंडिया ने साबित किया असली चैंपियन कौन!

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एशिया कप 2025 का फाइनल भले ही भारतीय टीम ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर जीत लिया हो, लेकिन इस जीत के बाद का ट्रॉफी विवाद क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ गया। चैंपियन टीम इंडिया ने ट्रॉफी तो नहीं उठाई, लेकिन अपने आत्मसम्मान और खेल भावना से पूरे देश का दिल जरूर जीत लिया।

ट्रॉफी मंच पर नहीं, होटल में पहुंची

फाइनल के बाद जब भारतीय खिलाड़ी ट्रॉफी लेने स्टेज पर पहुंचे, तब विवाद खड़ा हो गया। भारतीय टीम ने साफ कर दिया कि वे ट्रॉफी एशियाई क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) प्रमुख और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) अध्यक्ष मोहसिन नकवी से नहीं लेंगे। नकवी पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं और भारत विरोधी बयानों के लिए बदनाम हैं। इसके बावजूद नकवी स्टेज पर डटे रहे और जब भारतीय टीम ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया तो वे ट्रॉफी और मेडल लेकर सीधे अपने होटल लौट गए। सोशल मीडिया पर इस ‘बेशर्मी’ की खूब आलोचना हो रही है। क्रिकेट फैंस का कहना है कि नकवी ने खेल भावना की पूरी तरह धज्जियां उड़ा दीं।

बिना ट्रॉफी के टीम इंडिया का जश्न

स्टेज पर भारतीय टीम ने बिना ट्रॉफी के भी शानदार जश्न मनाया। कप्तान सूर्यकुमार यादव और रोहित शर्मा ने ‘काल्पनिक ट्रॉफी’ उठाकर खिलाड़ियों संग पोज़ दिए। खिलाड़ियों ने फोटोशूट कराया, हंसी-मजाक किया और जीत के इस पल को ऐतिहासिक बना दिया। मैच में तिलक वर्मा की नाबाद 69 रन की पारी और रिंकू सिंह के चौके ने भारत को तीसरी बार पाकिस्तान पर जीत दिलाई। पूरे टूर्नामेंट में भारत ने पाकिस्तान को 3-0 से हराकर क्लीन स्वीप किया।

BCCI का सख्त संदेश

बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने साफ कहा कि टीम का फैसला देश के सम्मान के लिए था। उन्होंने कहा— “भारत उस व्यक्ति से ट्रॉफी नहीं ले सकता जो हमारे खिलाफ जंग छेड़े बैठा है। लेकिन नकवी का ट्रॉफी लेकर होटल चले जाना बचकाना हरकत है। हम इस मुद्दे को नवंबर में होने वाली ICC मीटिंग में उठाएंगे।”

सूर्यकुमार यादव की भावनात्मक प्रतिक्रिया

कप्तान सूर्यकुमार यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि असली ट्रॉफी उनके साथी खिलाड़ी हैं। “मेरे लिए ड्रेसिंग रूम में बैठे 14 खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ ही असली ट्रॉफी हैं। यही पल हमारी यादों में हमेशा जिंदा रहेंगे।”

फैंस का गुस्सा और गर्व

भारतीय फैंस जहां ट्रॉफी न मिलने पर नाराज़ हैं, वहीं टीम इंडिया के स्टैंड पर गर्व भी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ है। एक यूज़र ने लिखा—”ट्रॉफी नकवी के पास गई लेकिन साख भारत के पास रही।” यह जीत सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और खेल कूटनीति की भी जीत मानी जा रही है। टीम इंडिया ने साबित कर दिया कि ट्रॉफी से बड़ी चीज़ है राष्ट्र का सम्मान।

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