यूपी की राजनीति पर कितना होगा बिहार चुनाव का असर, क्या नतीजे तय करेंगे 2027 का फॉर्मूला?

0
8

बिहार विधानसभा चुनाव की आहट अब यूपी की राजनीति को भी गर्माने लगी है। तारीख थी 24 सितंबर और जगह थी पटना कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पटना में प्रचार के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि योगी जाति आधारित रैलियों पर रोक लगाकर खुद को पीएम पद का उत्तराधिकारी मानते हैं। खड़गे के इस बयान से साफ है कि बिहार और यूपी की राजनीति एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई है। बिहार में होने वाले चुनाव यूपी की सियासत की दिशा तय करेंगे।

क्यों बिहार के चुनाव यूपी में अहम हैं?

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान इसी महीने हो सकता है। लेकिन इसका असर सीधे यूपी, खासकर पूर्वांचल के जिलों—देवरिया, कुशीनगर, गाजीपुर, बलिया, चंदौली, सोनभद्र और महराजगंज पर पड़ेगा। यहां हजारों परिवार ऐसे हैं जिनकी जड़ें बिहार से जुड़ी हैं। रोजाना कामकाज और रिश्तेदारी के कारण दोनों प्रदेशों के बीच गहरा राजनीतिक रिश्ता भी है।

क्या है बीजेपी की रणनीति?

  • बड़े फैसले रोके गए हैं: यूपी में बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष और मंत्रिमंडल विस्तार का निर्णय बिहार चुनाव के बाद के लिए टाल रखा है।
  • जातीय समीकरण पर फोकस: कुर्मी और भूमिहार समाज को साधने के लिए यूपी से नेताओं को बिहार भेजा जा रहा है।
  • प्रचारक दल तैयार: सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक बिहार में स्टार प्रचारक होंगे। योगी 50 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां करेंगे।
  • सहयोगी दलों की भूमिका: सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के संजय निषाद को भी प्रचार की जिम्मेदारी दी जा सकती है। राजभर को बिहार में 1-2 सीटें देने की संभावना जताई जा रही है।

सपा और विपक्ष की चाल

  • यदि बिहार में इंडिया गठबंधन की जीत होती है, तो यूपी में सपा के लिए नई ऊर्जा और खासकर यादव और पिछड़ी जातियों में संगठन मजबूत करने का अवसर होगा।
  • अगर भाजपा को जीत मिलती है, तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपनी रणनीति नए सिरे से बनानी होगी।
  • अखिलेश यादव पहले से ही राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्राओं में शामिल होकर गठबंधन को मजबूती दे रहे हैं।

बसपा की अलग राह

बसपा बिहार में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। यदि वहां 2-3 सीटें भी हाथ आती हैं, तो यह यूपी विधानसभा चुनाव से पहले उसके लिए बड़ा मनोबल साबित होगा।

सीमावर्ती जिलों का समीकरण

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, बिहार चुनाव का सीधा असर यूपी के सीमावर्ती जिलों पर होगा। चुनाव के दौरान नकदी और शराब की तस्करी बढ़ती है। यहां तक कि फर्जी वोटिंग के मामले भी सामने आते हैं। यही कारण है कि दोनों प्रदेशों की सुरक्षा और राजनीतिक रणनीति एक-दूसरे से प्रभावित होती है।

नतीजों पर टिकी नजर

  • अगर बिहार में भाजपा की सरकार बनती है → यूपी में एनडीए दलों पर बीजेपी का दबदबा और मजबूत होगा।
  • अगर विपक्ष जीता → सपा और गठबंधन को यूपी में ताकत मिलेगी।

यानी बिहार का चुनाव सिर्फ पटना तक सीमित नहीं है। इसके नतीजे लखनऊ से लेकर वाराणसी और गोरखपुर तक यूपी के राजनीतिक फॉर्मूले को बदल सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here