ऑपरेशन महादेव का नया खुलासा: कैसे स्थानीय लॉजिस्टिक सपोर्ट ने पहलगाम आतंकियों को दिया था फायदा?

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जम्मू-कश्मीर पुलिस को पहलगाम आतंकी हमले की जांच में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने बुधवार को हमले में शामिल आतंकियों को मदद पहुंचाने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया। पकड़े गए शख्स की पहचान यूसुफ कटारिया (26) के रूप में हुई है, जो कुलगाम का रहने वाला है।

आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देता था आरोपी

पुलिस के मुताबिक यूसुफ ने आतंकियों को आने-जाने, ठहरने और छिपने की व्यवस्था कराई थी। यही नहीं, उसे गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट ने 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि यूसुफ बच्चों को पढ़ाता था, लेकिन हाल ही में आतंकियों के संपर्क में आकर वह उनके लिए काम करने लगा।

ऑपरेशन महादेव से मिला सुराग

कटारिया के बारे में सुराग पुलिस को ऑपरेशन महादेव के दौरान बरामद हथियारों की जांच में मिला। जांच में यह बात सामने आई कि उसने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले से पहले भी कुलगाम के जंगलों में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों की मदद की थी।

इससे पहले जून में NIA ने पारवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर को भी गिरफ्तार किया था। जांच में यह साफ हुआ था कि हमले को लश्कर कमांडर सुलैमान शाह, अफगान और जिबरान ने अंजाम दिया था। बाद में 28 जुलाई को ऑपरेशन महादेव में इन तीनों आतंकियों को मार गिराया गया।

22 अप्रैल का पहलगाम हमला – 26 लोगों की मौत

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम शहर से 6 किलोमीटर दूर बायसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था। इस घटना में 26 लोगों की मौत हो गई थी और 16 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए थे। हमले में आतंकियों ने लोगों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया था।

भारत का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर

हमले के बाद भारत ने कड़ा जवाब दिया। 6-7 मई की रात 1:05 बजे भारत ने पाकिस्तान और पीओके (PoK) में एयर स्ट्राइक की। इस ऑपरेशन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इसमें 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया गया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और 4 करीबी सहयोगी भी मारे गए।

बड़ा सवाल – और कितने मददगार बाकी?

यूसुफ कटारिया की गिरफ्तारी ने साफ कर दिया है कि पहलगाम हमले में स्थानीय स्तर पर आतंकियों को मजबूत सपोर्ट मिला था। अब जांच एजेंसियां इस बात की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं कि और कितने लोग इस नेटवर्क से जुड़े हैं।

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