महिलाओं को बड़े उपहार की तैयारी, एक करोड़ रुपये तक की रजिस्ट्री पर मिल सकती है एक प्रतिशत स्टांप शुल्क में छूट

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को स्टांप एवं निबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि सर्किल रेट निर्धारण में समानता सुनिश्चित की जाए, विशेषकर एक जैसी परिस्थितियों वाले स्थानों पर। उन्होंने कहा कि रेट निर्धारण में विकास, शहरीकरण और आधारभूत संरचना की प्रगति को ध्यान में रखा जाए, ताकि आमजन को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने रजिस्ट्री प्रक्रिया से पहले दस्तावेजों और भूमि स्वामी के वेरिफिकेशन को अनिवार्य बताते हुए कहा कि इससे भूमि विवादों में कमी आएगी। उन्होंने रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने और तकनीकी माध्यमों का अधिकतम उपयोग करने पर बल दिया ताकि समय और संसाधनों की बचत हो सके।मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्तमान में महिलाओं को 10 लाख रुपये तक की रजिस्ट्री पर एक प्रतिशत स्टांप शुल्क की छूट दी जा रही है। इसे बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये तक की रजिस्ट्री पर लागू करने पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाएगा और उनकी आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देगा।अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि वर्ष 2016-17 में कुल 11 हजार करोड़ रुपये के स्टांप विक्रय हुए थे, जबकि 2024-25 में यह आंकड़ा 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। वहीं, वर्ष 2023-24 की तुलना में 2024-25 में 11.67 प्रतिशत अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है। विभाग ने अब तक 45 जनपदों में सर्किल रेट का पुनरीक्षण कर लिया है जबकि शेष 30 जनपदों में यह प्रक्रिया चल रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्किल रेट का पुनरीक्षण तार्किक ढंग से किया जाए ताकि जनता को वास्तविक लाभ प्राप्त हो।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जनपदों में रजिस्ट्री कार्यालयों का आधारभूत ढांचा सुदृढ़ किया जाए, पर्याप्त स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और सभी निर्माण कार्य समयबद्ध व गुणवत्ता युक्त हों। उन्होंने रजिस्ट्री कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरों को सक्रिय रखने के भी निर्देश दिए।मुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा कि पैतृक अचल संपत्ति को परिवार के सदस्यों – जीवित व्यक्ति एवं उसके तीन पूर्ववर्ती वंशजों – के मध्य विभाजित करने पर अधिकतम पांच हजार रुपये ही स्टांप शुल्क लिया जाए। साथ ही, रजिस्ट्रेशन फीस भी अधिकतम पांच हजार रुपये निर्धारित की जाए। उन्होंने इसे एक जनहितकारी निर्णय बताया, जिससे पारिवारिक विवादों के समाधान में मदद मिलेगी। बैठक में अधिकारियों ने अवगत कराया कि विभाग द्वारा स्टांप का ऑनलाइन सृजन, संपत्ति के भारमुक्त प्रमाण पत्र की सुविधा, कृषि बंधक विलेखों की ई-फाइलिंग, निबंधन शुल्क का ई-भुगतान, अप्रयुक्त स्टांप की ऑनलाइन वापसी, डिजिलॉकर में विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र और भारमुक्त प्रमाण पत्र जैसी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि तकनीक के प्रयोग से विभाग के सभी कार्य, जो आम जनता से जुड़े हैं, ऑनलाइन किए जाएं ताकि लोगों को कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें।

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