ख़बर मऊ से है, जहां मऊ सदर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां दलालों की लूट और फार्मासिस्ट की मनमानी ने अस्पताल की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। टूटी हुई हड्डियों का प्लास्टर कराने आए मरीजों को नियम के अनुसार कैश काउंटर से रसीद कटवाने की व्यवस्था है, लेकिन ट्रॉमा सेंटर में कार्यरत एक फार्मासिस्ट ने अपनी अलग व्यवस्था चला रखी है। सूत्रों के अनुसार, फार्मासिस्ट मरीजों से नगद पैसे लेकर बिना रसीद के प्लास्टर की सुविधा तत्काल उपलब्ध करवा रहा है। बताया गया कि यदि मरीज रसीद नहीं कटवाते और सीधे कैश में भुगतान करते हैं, तो महज 10 मिनट में प्लास्टर काटने और लगाने की व्यवस्था की जाती है, जबकि रसीद कटवाने पर घंटों इंतजार करना पड़ता है।
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इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो और फोटो फुटेज कैमरे में कैद हो चुकी है, जिसमें फार्मासिस्ट को मरीजों से नगद पैसे लेते हुए साफ देखा जा सकता है।मामला उजागर होने पर मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. C.P आर्य ने तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, “अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकारी अस्पताल में इस तरह की अवैध वसूली किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”स्थानीय नागरिकों और मरीजों के तीमारदारों ने भी इस लापरवाही और भ्रष्टाचार पर गहरी नाराजगी जताई है और प्रशासन से मांग की है कि ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाए।