चित्र : अजीत पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार।
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की पत्नी और बारामती लोकसभा सीट से एनडीए उम्मीदवार सुनीता पवार को राहत देते हुए मुंबई पुलिस ने कथित 25,000 करोड़ रुपए के सहकारी बैंक घोटाले में उन्हें क्लीन चिट दे दी है।
ये क्लोजर रिपोर्ट जनवरी में दाखिल की गई थी। महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) मामले की जांच कर रही है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कहा है कि कथित रूप से सुनेत्रा पवार और उनके पति से जुड़े लेन-देन में कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है।
सुनेत्रा पवार, शरद पवार के गढ़ बारामती सीट से उनकी बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी, जो उनकी भाभी भी हैं। रिपोर्ट दाखिल होने से विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। जिसने लगातार बीजेपी पर अपने विरोधी नेताओं के खिलाफ़ केंद्रीय एजेंसियों और पुलिस बलों का इस्तेमाल करने और या तो जांच में धीमी गति से आगे बढ़ने या भगवा पार्टी से जुड़ते ही उन्हें क्लीन चिट देने का आरोप लगाया है। विपक्षी दल इसे बीजेपी की ‘वाशिंग मशीन’ कहते हैं।
पिछले साल अपने चाचा शरद पवार द्वारा गठित एनसीपी से अलग होकर अजित पवार, बीजेपी और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए थे और उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। बता दें कि ईओडब्ल्यू की क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि अजित पवार से जुड़ी जरंदेश्वर चीनी मिल को ऋण स्वीकृत करने या उसकी बिक्री की प्रक्रिया में बैंक को कोई नुकसान नहीं हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सुनेत्रा पवार ने 2008 में जय एग्रोटेक के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था और दो साल बाद कंपनी ने जरंदेश्वर शुगर मिल को 20.25 करोड़ रुपए दिए। इसके बाद मिल को गुरु कमोडिटी नामक फर्म ने नीलामी में 65.75 करोड़ रुपये में खरीद लिया, लेकिन फिर से एक कंपनी को लीज पर दे दिया, जिसमें राजेंद्र घाडगे सहित अजीत पवार के रिश्तेदार निदेशक थे।
इस कंपनी ने गुरु कमोडिटी को 65.53 करोड़ रुपए किराए के तौर पर दिए। ईओडब्ल्यू ने कहा कि उसे इन लेन-देन में कुछ भी अवैध नहीं मिला। इस क्लीन चिट पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने कड़ी आपत्ति जताई है, जो राज्य में एनसीपी (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस के साथ गठबंधन में है। पार्टी नेता आनंद दुबे ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई इस बात का सबूत है कि विपक्ष का वॉशिंग मशीन वाला दावा पूरी तरह से जायज है।