चित्र : पूर्व एसडीएम निशा बांगरे।
भोपाल। कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ने का ख्वाब निशा बांगरे को महंगा पड़ गया। हुआ कुछ यूं कि पूर्व SDM निशा बांगरे ने अपनी सरकारी नौकरी नेता बनने की ख्वाहिश में छोड़ दी थी। नौकरी से त्यागपत्र भी दे दिया। अब वो फिर से नौकरी चाहती हैं।
निशा ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। निशा बांगरे ने डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन न तो वह विधानसभा चुनाव लड़ पाईं और न ही लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी हसरत पूरी हुई।
निशा बांगरे का कुछ ही महीनों में राजनीति से मोह भंग हो गया है। निशा बांगरे ने कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने के लिए डिप्टी कलेक्टर पद छोडा था। ना उन्हें विधानसभा और ना ही लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया। उन्होंने मध्य प्रदेश शासन से अपना पद वापस मांगा है। निशा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है, जिसमें इस बात का जिक्र किया है कि उन्हें डिप्टी कलेक्टर का पद वापस चाहिए।
निशा बांगरे ने मुख्य सचिव को भेजे पत्र में लिखा है कि उनकी नौकरी वापस की जाए। बता दें कि इस्तीफा स्वीकार कराने के लिए निशा बांगरे ने मौजूदा शिवराज सरकार के सामने आंदोलन खड़ा किया था। बैतूल से भोपाल तक पदयात्रा निकाली थी। इस दौरान भोपाल के एमपी नगर स्थित बोर्ड ऑफिस पर बाबा साहब भीवराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास पुलिस से नोकझोंक भी हुई थी।