चित्र : श्रीलंका के पूर्व उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो
नई दिल्ली। भारत में आम चुनाव 2024 से पहले, कच्चातीवु मामला बड़ता जा रहा है। हालही में श्रीलंका के पूर्व उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो ने कहा, ‘अगर भारत सरकार श्रीलंका की समुद्री अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा को पार करती है, तो इसे ‘श्रीलंका की संप्रभुता का उल्लंघन माना जाएगा’, क्योंकि उन्होंने 1980 के दशक के अंत में भारतीय शांति सेना पर श्रीलंका के राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बयानों को याद किया।’
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में ऑस्टिन ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान गोवा के पास इस तरह का समुद्री अतिक्रमण प्रस्तावित करता है , तो क्या भारत इसे बर्दाश्त करेगा? या अगर बांग्लादेश बंगाल की खाड़ी में ऐसा कुछ करता है, तो भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी?’
साल 2018 से 2020 के बीच भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त रहे फर्नांडो ने यह भी कहा है कि ‘ऐसा लगता है कि यह सिर्फ़ चुनाव के लिए बयानबाज़ी है। लेकिन एक बार जब उन्होंने ऐसा कुछ कह दिया, तो चुनाव के बाद सरकार के लिए इससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि बीजेपी जीत जाएगी। यही समस्या है। उन्हें और हमें दोनों को इस बारे में सोचना चाहिए।’
बता दें, 81 वर्षीय ऑस्टिन फर्नांडो ने श्रीलंका सरकार में कई शीर्ष-स्तरीय पदों पर कार्य किया है, जिसमें श्रीलंका के राष्ट्रपति के सचिव, पूर्वी प्रांत के राज्यपाल, प्रधानमंत्री के सलाहकार, रक्षा सचिव और गृह सचिव शामिल हैं। लगभग छह दशकों के अपने शानदार करियर में, उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के साथ राजनीतिक गलियारे में काम किया है।