देशभर के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है। सोमवार को कैबिनेट ने आयोग के कार्यक्षेत्र (Terms of Reference) को मंजूरी दे दी, जिससे अब कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में बंपर बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है।
आयोग की अध्यक्ष होंगी रंजना प्रकाश देसाई
सरकार ने इस तीन सदस्यीय अस्थायी आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई को सौंपी है। उनके साथ आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष को अंशकालिक सदस्य और पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन को सदस्य-सचिव नियुक्त किया गया है।
यह आयोग अपने गठन की तारीख से 18 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा, जिसे 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने की संभावना है।
आयोग के प्रमुख दिशा-निर्देश
सरकार ने आयोग को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं कि कर्मचारियों का वेतन तय करते समय देश की आर्थिक स्थिति, वित्तीय अनुशासन और विकास योजनाओं के लिए संसाधन को ध्यान में रखा जाए। आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि वेतन वृद्धि से सरकार के बजट पर अत्यधिक बोझ न पड़े और राज्यों के खजाने पर भी संतुलित असर पड़े।
साथ ही, आयोग को निजी क्षेत्र (Private Sector) में कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन का भी अध्ययन करना होगा, ताकि सरकारी और निजी वेतन संरचनाओं के बीच संतुलन बनाया जा सके।
हर दस साल में बनता है वेतन आयोग
केंद्रीय वेतन आयोग का गठन आमतौर पर हर 10 साल में किया जाता है। इसका उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन और सेवा शर्तों की समीक्षा करना और समय के साथ उनमें आवश्यक बदलावों की सिफारिश करना होता है। पिछला, यानी सातवां वेतन आयोग, 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था। अब आठवां वेतन आयोग उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए 2026 से प्रभावी होने की उम्मीद है।
कर्मचारियों में उत्साह
सरकारी कर्मचारियों में इस घोषणा को लेकर खुशी और उम्मीद का माहौल है। उनका मानना है कि 8वें वेतन आयोग से महंगाई भत्ता (DA) और बेसिक सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी होगी, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी।


