प्रतीकात्तक चित्र।
कोच्चि। गुरुवार रात को मुवत्तुपुझा के पास वालकोम में एक प्रवासी मजदूर की मौत की पुलिस जांच में मॉब लिंचिंग(भीड़ द्वारा की जाने वाली हत्या) की पुष्टि हुई है। अधिकारियों ने शनिवार को 10 लोगों को गिरफ्तार किया, जिन पर 24 साल के अशोक दास पर हमला करने का संदेह है। अशोक अरुणाचल प्रदेश का रहने वाला था और वालकोम में एक रेस्तरां में शेफ के रूप में काम करता था।
सभी दस आरोपियो के नाम विजेश, अनीश, सत्यन, सूरज, केशव, एलियास के पॉल, अमल, अतुल कृष्णा, एमिल और सनल हैं।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एर्नाकुलम ग्रामीण पुलिस प्रमुख वैभव सक्सेना ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि भीड़ ने अशोक पर हमला किया था, जो मोरल पुलिसिंग का गलत काम हो सकता है। हमारा प्रारंभिक निष्कर्ष यह था कि अशोक के सिर और छाती पर चोटें आई थीं और भीड़ ने उस पर हमला किया था। पोस्टमॉर्टम में चोटों की पुष्टि हुई। जांच के आधार पर, हमने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो उस भीड़ का हिस्सा थे जिसने अशोक को एक खंभे से बांध दिया था। हम और लोगों को भी तलाश रहे हैं जो उस वक्त मौजूद थे। गिरफ्तार किए गए लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार, अशोक को खंभे से बांधने से पहले और बाद में भी उसके साथ मारपीट की गई। उसकी महिला मित्र और उसके घर की सहेली ने भी बयान जारी किया कि अशोक पर भीड़ ने हमला किया था। ऑनमनोरमा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अशोक दास एक यूट्यूबर था और उसने अपना नवीनतम वीडियो, ‘लॉस्ट ऑफ टाइम’ शीर्षक से, अपनी हत्या के 11 दिन पहले ही अपलोड किया था।
दास को कथित तौर पर एक पूर्व महिला सहकर्मी के घर से भीड़ ने पकड़ लिया था, जो वालकोम के एक होटल में काम करती थी और उसकी पिटाई की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में एक पूर्व पंचायत सदस्य भी आरोपी है।