
वीर बाल दिवस (साहिबजादा दिवस) के अवसर पर शुक्रवार को देशभर में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों के अद्वितीय साहस और सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की।
अमित शाह ने अपने संदेश में कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के वीर साहिबजादों ने अल्पायु में ही धर्म और देश की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया, वह भारतीय इतिहास में दुर्लभ उदाहरण है। उन्होंने कहा कि माता गुजरी और गुरु गोबिंद सिंह जी के संस्कारों ने साहिबजादों में मानवता और धर्मरक्षा की भावना को मजबूत किया, जिसे अत्यंत क्रूर परिस्थितियां भी डिगा नहीं सकीं।
उन्होंने आगे कहा कि चारों साहिबजादों की बलिदान गाथा हर पीढ़ी तक पहुंचे, इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री Narendra Modi ने ‘वीर बाल दिवस’ मनाने की शुरुआत की। अमित शाह ने गुरु गोबिंद सिंह जी, माता गुजरी और वीर साहिबजादों की शहादत को नमन किया।
केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों ने बहुत कम उम्र में मातृभूमि और धर्म की रक्षा के लिए दुश्मनों का सामना किया और उनका बलिदान देश के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।
केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने कहा कि देश, धर्म और सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों का पावन त्याग अनंतकाल तक राष्ट्र और समाज को मार्गदर्शन देता रहेगा।
भाजपा सांसद और प्रवक्ता Sambit Patra ने भी साहिबजादों को कोटिशः नमन करते हुए कहा कि उनका बलिदान मातृभूमि और स्वधर्म की रक्षा के लिए सदैव प्रेरणा देता रहेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों की शहादत अदम्य साहस और वीरता की अमर गाथा है, जो युगों-युगों तक राष्ट्रभक्ति, धर्मनिष्ठा और कर्तव्यपरायण जीवन का मार्ग प्रशस्त करती रहेगी।
असम के मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma ने साहिबजादों के साहस को देश की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा कि उनकी शौर्यगाथा का स्मरण हर भारतीय को कर्तव्य और त्याग का बोध कराता है।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री Keshav Prasad Maurya ने कहा कि साहिबजादों का अद्वितीय साहस, अटूट आस्था और अन्याय के विरुद्ध अडिग संकल्प मानव इतिहास में वीरता और त्याग का अमर प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को सत्य, धर्म और राष्ट्ररक्षा के पथ पर प्रेरित करता रहेगा।




