पैसे भूल जाओ, वरना जान से जाओगे…’ कानपुर में बाबा बिरयानी की दबंगई का आरोप, शमशेर आलम से 2.86 करोड़ की ठगी का मामला दर्ज

कानपुर में करोड़ों की ठगी के आरोप में बाबा बिरयानी के खिलाफ दर्ज मामला, शिकायतकर्ता शमशेर आलम की तहरीर पर पुलिस जांच करती हुई।


कानपुर से एक बार फिर गंभीर आपराधिक मामला सामने आया है। नई सड़क हिंसा प्रकरण में आरोपी रह चुके मुख्तार अहमद उर्फ बाबा बिरयानी पर अब करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप लगा है। जाजमऊ इलाके के चमड़ा व्यापारी शमशेर आलम ने आरोप लगाया है कि उनसे योजनाबद्ध तरीके से 2 करोड़ 86 लाख 71 हजार रुपये की रकम हड़प ली गई।

पीड़ित की शिकायत पर जाजमऊ थाने में नामजद एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। शमशेर आलम का आरोप है कि बाबा बिरयानी ने अपने दबंग रसूख का इस्तेमाल कर उन्हें वर्षों तक मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया।

दबाव में एक ही टेनरी को सप्लाई करने की मजबूरी
शमशेर आलम के अनुसार, उन्हें दबंगई के दम पर एक खास टेनरी को ही कच्चा चमड़ा सप्लाई करने के लिए मजबूर किया गया। भुगतान लगातार टाला जाता रहा और जब उन्होंने बकाया रकम की मांग की, तो उन्हें जान से मारने की धमकियां दी गईं।

आरोप है कि संबंधित टेनरी के मालिक के निधन के बाद बाबा बिरयानी ने उनके बेटों से सांठगांठ कर फैक्ट्री बिकवा दी। इसके बाद ठगी की रकम को विदेश में निवेश कर दिया गया। शमशेर आलम का कहना है कि स्थानीय थाने और डीसीपी स्तर पर शिकायत के बावजूद लंबे समय तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

पुलिस कमिश्नर के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुई एफआईआर
पीड़ित ने बताया कि मामला अंततः पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा, जिनके निर्देश पर जाजमऊ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। इसी बीच मुख्य आरोपी बाबा बिरयानी का बेटा महफूज देश छोड़कर दुबई चला गया, जिससे मामले ने और तूल पकड़ लिया है।

कैसे हुई थी मुलाकात, कैसे फंसा व्यापारी
शमशेर आलम ने बताया कि वह नूर हाइड कंपनी के नाम से कच्चे चमड़े का कारोबार करते हैं। इसी सिलसिले में उनकी मुलाकात बाबा बिरयानी और उसके बेटे महफूज से हुई। दोनों ने उन्हें गुडविल टेनर्स के मालिक और उनके बेटों से मिलवाया।

आरोप है कि बाबा बिरयानी ने साफ निर्देश दिए थे कि पूरा कच्चा चमड़ा केवल उसी टेनरी को बेचा जाएगा। साल 2016 से 2024 के बीच शमशेर आलम ने करीब 2.86 करोड़ रुपये का माल सप्लाई किया। पीड़ित का दावा है कि इस पूरे लेन-देन से जुड़ी रसीदें और टैक्स दस्तावेज उनके पास सुरक्षित हैं।

फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की भूमिका खंगाली जा रही है। इस प्रकरण ने कानपुर में एक बार फिर संगठित ठगी और दबंगई को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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