बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस समय हिजाब विवाद को लेकर चौतरफा घिरे हुए हैं। मामला उस वक्त शुरू हुआ, जब एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने नवनियुक्त आयुष महिला डॉक्टर का हिजाब खींच दिया। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
इस विवाद ने तब और तूल पकड़ लिया, जब उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए आपत्तिजनक बयान दे दिया। एक टीवी इंटरव्यू में संजय निषाद ने कहा था, “अरे वो भी तो आदमी ही हैं, नकाब ही तो छू लिया। इतना पीछे नहीं पड़ना चाहिए। कहीं और छू लेते तो क्या होता?” उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भारी विरोध हुआ। बाद में भाजपा ने भी इस बयान से किनारा कर लिया।
अब इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी की नेता सुमैया राणा ने कानूनी कदम उठाया है। उन्होंने बुधवार को हिजाब विवाद को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और यूपी के मंत्री संजय निषाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। सुमैया राणा का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि महिलाओं की गरिमा और सम्मान से जुड़ा गंभीर मुद्दा है।
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में सुमैया राणा ने कहा कि इस घटना ने एक खतरनाक मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यक्ति इतने बड़े संवैधानिक पद पर रहते हुए इस तरह का व्यवहार करता है, तो यह उसके सहयोगियों को भी इसी तरह की गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करता है।” उन्होंने आरोप लगाया कि संजय निषाद का बयान नीतीश कुमार की हरकत को सही ठहराने की कोशिश है, जो और ज्यादा चिंताजनक है।
वहीं, महिला संगठनों और विपक्षी दलों ने भी इस पूरे प्रकरण पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि किसी भी महिला के पहनावे, धर्म और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है। हिजाब विवाद अब केवल बिहार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति को भी इसकी आंच छूने लगी है।




