मोदी सरकार की आलोचना के बाद ‘यामिनी अय्यर’ ने दिया इस्तीफा

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चित्र : सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) की पूर्व अध्यक्ष यामिनी अय्यर।

नई दिल्ली। सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) की अध्यक्ष यामिनी अय्यर ने पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करने के बाद इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए लेख लिखा। ये लेख इकोनॉमिस्ट में प्रकाशित हुआ, जिसके कुछ दिनों बाद 26 मार्च को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

बता दें कि 23 मार्च को प्रकाशित लेख में अय्यर ने लिखा था कि, ‘भारत में 18वें आम चुनाव की तैयारी के दौरान धीरे-धीरे बढ़ती तानाशाही की काली छाया उस पर मंडरा रही है।’ लेख का शीर्षक था ‘यामिनी अय्यर ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय लोकतंत्र को हुए नुकसान पर दुख जताया।’

उन्होंने माना कि नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तीसरी बार जीत हासिल करके सत्ता हासिल करने के लिए तैयार है। हालांकि, उनका शासन, जो आक्रामक केंद्रीकरण पर आधारित है, एक व्यक्ति के पंथ द्वारा वैध है और एक बहिष्कारवादी हिंदू-राष्ट्रवादी विचारधारा द्वारा समर्थित है, भारत के लोकतंत्र को नष्ट कर रहा है। राजनीतिक विपक्ष, मीडिया, शिक्षा जगत और नागरिक समाज के लिए अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का स्थान तेजी से कम होता जा रहा है।

लेख प्रकाशित होने के कुछ दिनों बाद, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च ने एक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी यामिनी अय्यर 31 मार्च 2024 तक अपने वर्तमान पद से हट जाएंगी। यह बात प्रेस विज्ञप्ति के जरिए कही गई, जिसमें कहा गया कि वो अपने शोध कार्य के लिए अधिक समय लेना चाहती हैं। इसलिए यामिनी ने ये निर्णय लिया है।

बता दें कि यामिनी अय्यर की वेबसाइट पर उनके प्रोफाइल में लिखा है कि वे मुख्यधारा के भारतीय समाचार पत्रों में समसामयिक मामलों और नीतिगत मामलों पर नियमित रूप से लिखती हैं। वो कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी हैं।

बहरहाल, बोर्ड ने सीनियर फेलो सीपीआर और जल शक्ति मंत्रालय के अनुसंधान अध्यक्ष डॉ. श्रीनिवास चोक्काकुला को नया अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी नियुक्त किया। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘वह 1 अप्रैल 2024 को ज्वाइन करेंगे।’

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