विपक्ष के पास बेरोजगारी पर ‘विश्वसनीय डेटा’ नहीं : निर्मला सीतारमण

0
51

चित्र : भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतामरण।

नई दिल्ली। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा है कि ‘विपक्ष के पास बेरोजगारी पर कोई विश्वसनीय डेटा नहीं है।’ भारत के वित्त मंत्री का कहना है कि आर्थिक मुद्दे आम तौर पर चुनावों में ज़्यादा असर नहीं डालते, जब तक कि उन्हें सरलीकृत और प्रासंगिक शब्दों में न पेश किया जाए।

भावनात्मक मुद्दे ही लोगों को जोड़ते हैं और वोट देने के लिए प्रेरित करते हैं। इस बार विपक्ष बेरोज़गारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। क्या आपको लगता है कि इससे लोगों का ध्यान बंटेगा?

उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि विपक्ष सिर्फ़ कुछ मुद्दे उठाने के लिए इन मुद्दों का इस्तेमाल कर रहा है। सच कहें तो, 2014 से ही इस सरकार ने मुद्रास्फीति को लगातार RBI के दायरे में रखा है। सिर्फ़ एक या दो बार ही यह उससे ज़्यादा हो पाई होगी। इसलिए, डेटा विपक्ष के दावों का समर्थन नहीं करता।

तंत्र आपके देखने के लिए मौजूद हैं। आपूर्ति पक्ष की समस्याओं को मंत्रियों के एक समूह द्वारा संबोधित किया गया, जिन्होंने लगातार सुनिश्चित किया कि जिन वस्तुओं का हम उत्पादन नहीं करते हैं, उन्हें आयात न किया जाए। खाद्य तेल एक क्लासिक मामला है, साथ ही विभिन्न दालें भी।

कुछ कृषि निर्यात किसानों को बहुत अच्छी आय दे रहे थे। चाहे वह प्याज हो, या चावल और जौ, गेहूं और चीनी। लेकिन जब जरूरत पड़ी, तो हमने निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।

सीतारमण कहती हैं कि हम एक ही स्रोतों से आने वाले एक ही आंकड़ों को देखें और कहें कि नौकरियां नहीं बढ़ रही हैं। नौकरियों के मामले में, मुझे नहीं लगता कि विपक्ष के पास कोई विश्वसनीय डेटा है। मुझे खुशी है कि विपक्ष इस मुद्दे को उठा रहा है, और मैं इसका जवाब देने के लिए तैयार हूं।

बीजेपी दक्षिण में चुनावी सफलता पर जोर दे रही है। कर्नाटक को छोड़कर इस क्षेत्र में उसे बड़े पैमाने पर असफलता का सामना करना पड़ा है। क्या इस बार इसमें बदलाव हो रहा है?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here