प्रतीकात्मक चित्र। साइबर जालसाज।
मुंबई (एजेंसी)। सपनों के शहर मुंबई में एक पांच सितारा होटल में काम करने वाले, 28 साल के व्यक्ति को एक साइबर जालसाज ने लगभग 10 लाख रुपए का चूना लगा दिया। जालसाज ने खुद को अमेरिका के टेक्सास का डॉक्टर बताकर उस व्यक्ति को ठग लिया, जब यह व्यक्ति एक ऑनलाइन डेटिंग प्लेटफॉर्म पर समलैंगिक साथी की तलाश कर रहा था।
मेघवाड़ी पुलिस ने जोगेश्वरी (पूर्व) निवासी व्यक्ति की शिकायत के आधार पर शुक्रवार को मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि जनवरी में, एक साल पहले डाउनलोड किए गए डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करते समय, रामोस बेनार्ड का एक संदेश मिला, जिसने टेक्सास में रहने वाले एक डॉक्टर होने का दावा किया। उसने पीड़ित से दोस्ती की और अपनी कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। दो या तीन दिनों के बाद, बेनार्ड ने एक फोन नंबर साझा किया, और फिर दोनों ने व्हाट्सएप पर बातचीत शुरू कर दी।
30 जनवरी को बेनार्ड ने पीड़ित से 5 फरवरी से शुरू हो रही अपनी छुट्टियों के दौरान भारत के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की यात्रा करने में मदद मांगी। बेनार्ड ने एक महंगी कलाई घड़ी की तस्वीरें भेजीं और दावा किया कि वह इसे पीड़ित को उपहार में देना चाहता है और इसे भारत ला रहा है। 5 फरवरी को बेनार्ड ने यात्रा के दौरान ह्यूस्टन से न्यूयॉर्क और न्यूयॉर्क से नई दिल्ली के बीच अपने हवाई टिकटों की तस्वीरें पीड़ित को भेजीं।
एफआईआर में कहा गया है कि अगले दिन पीड़ित को बेनार्ड से एक संदेश मिला, जिसमें बताया गया कि उसे दिल्ली हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने रोक लिया है, क्योंकि वह 2,45,000 डॉलर (लगभग 2.04 करोड़ रुपए के बराबर) मूल्य की विदेशी मुद्रा लेकर आ रहा था।
कुछ समय बाद पीड़ित को प्रिया नाम की एक महिला का फोन आया, जिसने खुद को कस्टम अधिकारी बताया। उसने शिकायतकर्ता को बेनार्ड की गिरफ्तारी के बारे में बताया और बेनार्ड को रिहा करवाने के लिए 75,000 रुपए टैक्स भरने को कहा।
पीड़ित ने बेनार्ड से इसकी पुष्टि की, जिसने अनुरोध किया कि वह टैक्स का भुगतान करे और उसे रिहा करवाए। पीड़ित ने रुपयों को एक दिए गए बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया। बाद में, बेनार्ड ने अन्य ‘औपचारिकताओं’ के लिए पीड़ित से मदद मांगी और पीड़ित को विदेशी मुद्रा रूपांतरण शुल्क, आवास शुल्क, भोजन शुल्क, मुआवजा शुल्क, धन शोधन विरोधी कर आदि का भुगतान करने के लिए राजी किया।
पीड़ित को तब शक हुआ, जब उसने देखा कि बेनार्ड ने उसे आव्रजन हिरासत से रिहा करवाने के लिए कुछ ओर रुपए मांगे। उसने इस मामले पर अपने करीबी दोस्तों से बात की जिन्होंने उसे पुलिस से संपर्क करने के लिए कहा।
तो वहीं, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मेघवाड़ी पुलिस को एक नाइजीरियाई साइबर धोखाधड़ी रैकेट पर संदेह है, क्योंकि यह ऑनलाइन भोले-भाले लोगों को निशाना बनाने के लिए इसी तरह की प्रोसेस का उपयोग करता है।